Drivers strike in India: देशभर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बाद कई राज्यों में चक्का जाम हो गया है और इस वजह से जरूरी सामानों की आपूर्ति भी थम गई है। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा नुकसान मध्य प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है।
एमपी की राजधानी भोपाल में तो बस और ट्रक के साथ-साथ टैक्सी और ट्रेक्टर भी रोक दिए गए हैं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को बल पयोग भी करना पड़ा।
साथ ही छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कई जगहों पर ट्रक ड्राइवरों ने विरोध-प्रदर्शन निकाला है जिस वजह से फल-सब्जियों की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
ट्रक ड्राइवर क्यों कर रहे हैं हड़ताल ?
बता दें कि मध्य प्रदेश में नये कानून में ‘‘हिट एंड रन’’ (Hit and Run Law) के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इसके चलए मध्यप्रदेश में करीब पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियों के चक्के थम गए हैं जिससे आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने “पीटीआई-भाषा” को बताया, ‘‘नये कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्यप्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं।’’
हिट एंड रन के मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान
उन्होंने मांग की कि सरकार को ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए।
भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।
कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि अगर चालकों की हड़ताल जारी रही, तो आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति की स्थिति और बिगड़ेगी जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
पेट्रोल पंपों पर लोगों की लम्बी कतारें
उन्होंने कहा कि सरकार को ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। चालकों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य के सबसे बड़े शहर इंदौर में सोमवार को पेट्रोल पंपों पर लोगों की लम्बी कतारें नजर आई थीं। इसके बाद हरकत में आया प्रशासन तेल विपणन कंपनियों के डिपो से पेट्रोल पंपों तक टैंकरों का नियमित परिचालन बहाल करके ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति बरकरार रखने के प्रयासों में जुटा है।
जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने कहा कि जिले में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इन ईंधनों की सतत आपूर्ति की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि चालकों की हड़ताल से इंदौर में लोक परिवहन साधनों के साथ ही शहर से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है।
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा, “सरकार से हमारी एकमात्र मांग यह है कि इस को निर्णय हमारे स्टेकहोल्डर्स के साथ सलाह-मशवरा लेने के बाद लिया जाना चाहिए था। इस पर किसी से कोई चर्चा नहीं की गई और न ही किसी से इस बारे में पूछा गया।”
(पीटीआई-भाषा के साथ)