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Digital Arrest: ईडी ने आरोपपत्र दाखिल किया, साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने परामर्श जारी किया

प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अक्टूबर को अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के दौरान ‘डिजिटल अरेस्ट’ का मुद्दा उठाया था।

Last Updated- November 03, 2024 | 6:05 PM IST
Digital Arrest: ED files chargesheet, Cyber ​​Crime Coordination Center issues advisory ईडी ने आरोपपत्र दाखिल किया, साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने परामर्श जारी किया

Digital Arrest: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगों से ‘डिजिटल अरेस्ट’ के खतरे से बचने का आग्रह किए जाने के तुरंत बाद, जांच एजेंसियों ने कहा कि वे साइबर अपराध की इस श्रेणी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जिसके तहत जहां प्रवर्तन निदेशालय ने ऐसे ही एक मामले में आरोप पत्र दाखिल किया, वहीं भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने नया परामर्श जारी किया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसने पिछले माह बेंगलुरु में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष आठ आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की, जिन्होंने कथित तौर पर धोखेबाजी वाले ऐप के माध्यम से ‘‘फर्जी’’ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवंटन और शेयर बाजार में निवेश के माध्यम से आम लोगों को ‘‘लुभाया’’ था।

ईडी ने कहा, ‘‘जांच में पाया गया कि भारत में साइबर घोटालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसमें फर्जी शेयर बाजार निवेश और ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ शामिल हैं, जिन्हें मुख्य रूप से ‘फेसबुक’, ‘इंस्टाग्राम’, ‘व्हॉट्सऐप’ और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया मंच के जरिए अंजाम दिया जाता है।’’

इसने कहा, ‘‘पिग बुचरिंग घोटाले के नाम से प्रचलित शेयर बाजार निवेश घोटाले, फर्जी वेबसाइट और भ्रामक व्हॉट्सऐप समूहों का उपयोग करके उच्च मुनाफे का लालच देकर लोगों को लुभाते हैं। ये भ्रामक व्हॉट्सऐप समूह देखने से ऐसा लगता है कि ये प्रतिष्ठित वित्तीय कंपनियों से जुड़े हैं।’’

ईडी ने कहा कि खुद को सीमा शुल्क और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताकर घोटाले के पीड़ितों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया गया, जिससे आखिरकार उन्हें मुखौटा कंपनियों में भारी मात्रा में धन अंतरित करने के लिए मजबूर किया।

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भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने रविवार को एक परामर्श जारी किया जिसमें लोगों से ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ से सावधान रहने की अपील की गई और कहा गया ‘‘वीडियो कॉल करने वाले लोग पुलिस, सीबीआई, सीमा शुल्क अधिकारी या न्यायाधीश नहीं हैं।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले संगठन ने कहा कि ऐसे लोग साइबर अपराधी होते हैं। परामर्श में लोगों से इन ‘‘चालबाजी’’ में न फंसने और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन पर कॉल करके या साइबर अपराध की शिकायत के लिए आधिकाारिक पोर्टल पर ‘‘तुरंत’’ शिकायत दर्ज कराने को कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अक्टूबर को अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के दौरान ‘डिजिटल अरेस्ट’ का मुद्दा उठाया था।

First Published - November 3, 2024 | 6:05 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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