facebookmetapixel
शेयर बाजार में तीसरे दिन तेजी; सेंसेक्स 595 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,850 अंक के पारGroww IPO की धमाकेदार लिस्टिंग! अब करें Profit Booking या Hold?Gold में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! जानिए ब्रोकरेज ने क्यों कहा?सेबी चीफ और टॉप अफसरों को अपनी संपत्ति और कर्ज का सार्वजनिक खुलासा करना चाहिए, समिति ने दिया सुझावKotak Neo का बड़ा धमाका! सभी डिजिटल प्लान पर ₹0 ब्रोकरेज, रिटेल ट्रेडर्स की बल्ले-बल्लेभारी बारिश और चक्रवात मोंथा से कपास उत्पादन 2% घटने का अनुमान, आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीदSpicejet Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹635 करोड़ हुआ, एयरलाइन को FY26 की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदRetail Inflation: खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर कई साल के निचले स्तर 0.25% पर आई, GST कटौती का मिला फायदाGold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?चार्ट्स दे रहे ब्रेकआउट सिग्नल! ये 5 Midcap Stocks बना सकते हैं 22% तक का प्रॉफिट

Delhi Rain: पानी-पानी हुई राजधानी दिल्ली, टूटा बारिश का 40 साल का रिकॉर्ड

दिल्ली में 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा बरसे बादल

Last Updated- July 09, 2023 | 3:46 PM IST
Delhi Rain: Capital Delhi rained, 40 years record of rain broken
PTI

दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में मूसलाधार बारिश और दिल्ली में मौसम की पहली भारी बारिश हुई है।

पिछले 24 घंटे में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई

IMD के एक अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 25 जुलाई 1982 को एक दिन में दर्ज की गई 169.9 मिमी बारिश के बाद से सर्वाधिक है। अधिकारी के मुताबिक, शहर में 10 जुलाई 2003 को 133.4 मिमी, 28 जुलाई 2009 को 126 मिमी और आठ जुलाई 1993 को 125.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 21 जुलाई 1958 को यहां अब तक की सर्वाधिक 266.2 मिमी बारिश हुई थी।

Also read: Monsoon Tracker: कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जमकर बरसे बादल, दिल्ली में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड

जुलाई में अब तक आठ बार ‘बहुत भारी’ बारिश दर्ज की गई

IMD के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 1969 के बाद से जुलाई में आठ बार ‘बहुत भारी’ (15.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच) बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने दिल्ली में मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान करते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। रिज, लोधी रोड और दिल्ली विश्वविद्यालय के मौसम केंद्रों पर क्रमशः 134.5 मिमी, 123.4 मिमी और 118 मिमी बारिश दर्ज की गई।

इसके अनुसार, 15 मिमी से कम बारिश ‘हल्की’, 15 मिमी से 64.5 मिमी ‘मध्यम’, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी ‘भारी’ और 115.6 मिमी से 204.4 मिमी ‘बहुत भारी’ बारिश की श्रेणी में आती है। वहीं, 204.4 मिमी से अधिक बारिश दर्ज होने पर इसे ‘अत्यधिक भारी’ बारिश की श्रेणी में रखा जाता है।

दिल्ली में जगह-जगह भरा पानी

दिल्ली में जुलाई में अभी तक 164 मिमी बारिश हुई है। पूरे महीने में शहर में औसतन 209.7 मिमी बारिश होती है। भारी बारिश के कारण शहर के कई पार्क, अंडरपास, बाजार और यहां तक कि अस्पताल परिसर में जलभराव हो गया और सड़कों पर भारी जाम लग गया। सोशल मीडिया मंचों पर सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरते लोगों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए हैं, जिसने शहर की जल निकासी प्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

Also read: Monsoon tracker: मुंबई में हल्की बारिश, IMD ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ किया जारी

कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं ठप्प हुई

तेज हवाओं और बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं। सड़कों पर पानी भरने और वाहनों के उसमें फंसे होने की तस्वीरें सामने आने के बाद एक बार फिर दिल्ली में जल निकासी की व्यवस्था को लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। दिल्ली में जल निकासी के लिए तीन प्रमुख नाला, नजफगढ़, बारापुला और ट्रांस-यमुना हैं।

जल निकासी व्यवस्था की एक बार फिर खुली पोल

बारिश के दौरान मध्य रिज के पूर्वी हिस्से का पानी सीधे यमुना में जाता है। पश्चिमी में छोटे नालों का पानी नजफगढ़ नाले में जाता है, जो अंततः नदी में मिल जाता है। दिल्ली का पूर्वी क्षेत्र एक निचला इलाका है और मूल रूप से यमुना के बाढ़ क्षेत्र का हिस्सा है। दिल्ली में बारिश के कारण पानी अधिक होने से जल निकासी प्रणाली के काम नहीं करने का खतरा है। ऐसा मुख्य रूप से कूड़ा-कचरा और सीवेज के कारण होता है, जिससे जल की निकासी धीमी पड़ जाती है।

दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में कंक्रीट की अत्यधिक संरचनाओं के होने, भूमिगत जल संचय नहीं होने, बारिश के पानी के लिए बनाए गए नालों पर अतिक्रमण और अशोधित जल-मल प्रवाहित किये जाने के कारण हर बार अधिक बारिश होने पर राष्ट्रीय राजधानी जलमग्न हो जाती है।

जलवायु परिवर्तन पर दिल्ली सरकार की कार्य योजना के अनुसार, जल निकासी प्रणाली के प्रबंधन में कई एजेंसियां शामिल हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। दिल्ली के लिए आखिरी बार जल निकासी पर मुख्य योजना 1976 में बनाई गई थी, जब शहर की आबादी करीब 60 लाख थी।

Also read: Monsoon: मॉनसूनी बारिश ने पूरे देश को लिया अपने आगोश में, 6 दिन पहले ही दे दी दस्तक

दिल्ली को एक बेहतर ‘ड्रेनेज मास्टर प्लान’ की आवश्यकता

सरकार ने IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), दिल्ली से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटी) के लिए नया ‘ड्रेनेज मास्टर प्लान’ तैयार करने को कहा था। संस्थान ने 2018 में एक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन दिल्ली सरकार की तकनीकी समिति ने ‘ ‘आंकड़ों में विसंगतियों’ का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया। इस साल की शुरुआत में, सरकार ने लोक कल्याण विभाग को एक नई योजना तैयार करने का जिम्मा सौंपा था।

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली की पुरानी जल निकासी प्रणाली 24 घंटे में केवल 50 मिमी तक बारिश ही वहन कर सकती है। IMD ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी रविवार को पूरे दिन रुक-रुककर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान किया है।

जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में सोमवार तक और पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा पंजाब में रविवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। IMD के अनुसार, 11 जुलाई से क्षेत्र में भारी बारिश के आसार हैं।

First Published - July 9, 2023 | 3:46 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट