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Delhi Chalo Farmer Protest: दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी हुई सुरक्षा, किसानों से बातचीत 

धारा 144 लागू हो जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में सभा करने, जुलूस या रैलियां निकालने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 

Last Updated- February 19, 2024 | 1:39 PM IST
दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी हुई सुरक्षा, किसानों से बातचीत , Delhi Chalo Farmer Protest: Security tightened on Delhi borders, talks with farmers

Delhi Chalo Farmer Protest: राष्ट्रीय राजधानी में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं। वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है। इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात पर असर पड़ा। 

संयुक्त किसान मोर्चा, किसान मजदूर मोर्चा और अन्य किसान संगठनों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है। दिल्ली पुलिस ने सामाजिक अशांति पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी है। 

राष्ट्रीय राजधानी में सभा करने, जुलूस या रैलियां निकालने व ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश 12 फरवरी से 12 मार्च तक लागू रहेगा। उधर, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं को ‘दिल्ली चलो’ मार्च से रोकने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने सोमवार शाम चंडीगढ़ में उनसे बात की। इसमें खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य मंत्री शामिल रहे।

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 200 से अधिक किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली में डेरा डालने की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार को पंजाब से लेकर कर्नाटक, मध्य प्रदेश तक किसानों में हलचल रही। 

दिल्ली की तरफ आ रहे किसानों की मध्य प्रदेश में गिरफ्तारी पर भी किसान संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस बीच, दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है और गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों की बैठक भी हुई। 

दिल्ली में धारा 144 लागू 

दिल्ली पुलिस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘सामाजिक अशांति’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है। धारा 144 लागू हो जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में सभा करने, जुलूस या रैलियां निकालने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी आदेश के जरिए किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने और सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश 12 फरवरी से 12 मार्च तक लागू रहेगा। 

सभी वाहनों पर पाबंदी 

इसके मद्देनजर दिल्ली की सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं। वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है। इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी। विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है, जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया है। 

दिल्ली की ओर बढ़ता किसानों का काफिला

दूसरी ओर दिल्ली की ओर कूच करने वाले किसानों का काफिला बढ़ता जा रहा है। भारती किसान यूनियन (बीकेयू)-दोआबा ने 13 फरवरी को प्रस्तावित किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन करने की घोषणा की है। बीकेयू (दोआबा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा है। एसकेएम ने अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था, लेकिन इस बार 

एसकेएम ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के ‘दिल्ली चलो’ आह्वान से स्वयं को दूर रखा है। कर्नाटक से दिल्ली आ रहे कम से कम 70 किसानों को सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने मध्य प्रदेश के भोपाल रेलवे स्टेशन पर सोमवार तड़के हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को इस गिरफ्तारी की निंदा की और मध्य प्रदेश सरकार से किसानों को तुरंत रिहा करने की अपील की। 

First Published - February 12, 2024 | 11:32 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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