मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno national park) में एक नर चीते की मौत हो गई है। एक माह के भीतर कूनो में चीते की मौत की यह दूसरी घटना है, इससे पहले मार्च में साशा नामक मादा चीते की किडनी के संक्रमण के चलते मौत हो गई थी।
वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह करीब नौ बजे चिकित्सा टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में चीता सुस्त नजर आया। टीम को देखकर उसने लड़खड़ाकर चलने की कोशिश की। कुछ ही घंटों बाद वह अचेत हो गया और उसे इलाज के लिए अलग किया गया जहां शाम मौत हो गई। एक दिन पहले वह चिकित्सा टीम को एकदम स्वस्थ हालत में मिला था।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छह वर्षीय नर चीते उदय की मौत की वजह पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आ सकेगी।
उल्लेखनीय है कि नामीबिया से पहली खेप में 8 चीते कूनो लाए गए थे जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सितंबर में अपने जन्मदिन पर बाड़े में छोड़ा था। उसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए। दो चीतों की मौत के बाद अब कूनो में 18 वयस्क चीते बचे हैं। नामीबिया से पहले दौर में आये चीतों में से एक सियाया (नया नाम ज्वाला) ने पिछले दिनों चार बच्चों को जन्म दिया था जिनकी देखभाल की जा रही है।
इससे पहले मादा साशा की हुई थी मौत
बता दें मार्च में चीता साशा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। विशेषज्ञों ने किडनी में इंफेक्शन से मौत होने का कारण बताया था। वहीं, 23 जनवरी सुबह अचानक चीता उदय की अचानक स्वास्थ्य खराब हुआ। उसकी शाम चार बजे मौत हो गई। अभी चीता उदय की मौत को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।