जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए कांग्रेस नेतृत्व ने गुरुवार को कहा कि वह चाहता है कि केंद्र शासित प्रदेश में विपक्षी दल आगामी विधान सभा चुनाव गठबंधन के अंतर्गत लड़ें। इसके साथ-साथ कांग्रेस ने केंद्र शासित प्रदेश के राज्य के दर्जे की बहाली के लिए लड़ने का वादा भी किया।
उधर फारुक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नैशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि उसने सभी 90 विधान सभा सीट के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है। इस बारे में अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है कि महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी गठबंधन का हिस्सा होगी या नहीं।
इस विषय में सवाल किए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि हर चरण के चुनाव के पहले सीटों में साझेदारी की घोषणा की जाएगी। कांग्रेस नेतृत्व यानी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर की यात्रा पर पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व से भी मुलाकात की। हालिया लोक सभा चुनाव में कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस ने सीट साझेदारी की थी, हालांकि पीडीपी इससे बाहर थी। पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस दोनों कांग्रेसनीत इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं।
खरगे और गांधी के साथ मुलाकात के बारे में अब्दुल्ला ने कहा, ‘गठबंधन पटरी पर है और ऊपर वाले ने चाहा तो यह सुचारु ढंग से चलेगा। गठबंधन एकदम तय है। इस पर आज शाम हस्ताक्षर हो जाएंगे और यह साझेदारी सभी 90 सीट के लिए होगी।’ उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व विधायक एम वाई तारिगामी भी गठबंधन का हिस्सा होंगे।
जम्मू कश्मीर में 90 सीटों के लिए 18 और 25 सितंबर तथा 1 अक्टूबर को तीन चरणों में चुनाव होंगे। चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को आएंगे।
गठबंधन की जरूरत को स्पष्ट करते हुए खरगे ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन ने एक तानाशाह को पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आने से रोका है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने कई निर्णय वापस लेने पड़े या फिर वक्फ कानून जैसे मामलों में संयुक्त संसदीय समिति के पास प्रस्तावित संशोधन के लिए भेजना पड़ा।
इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी गठित करने वाले गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा कि कुछ लोग मुश्किल हालात का सामना नहीं कर सके और भाग खड़े हुए।