facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

वाराणसी में गंगा नदी में चलने लगी हैं सीएनजी से चलने वाली नौकाएं

Last Updated- January 22, 2023 | 7:20 PM IST

वाराणसी में गंगा तट के आसपास शोर और वायु प्रदूषण को कम करने की रणनीति के तहत अब नौकाएं पर्यावरण-अनुकूल सीएनजी पर चलने लगी हैं। अभी तक 583 नौकाओं को सीएनजी-चालित नौकाओं में बदला जा चुका है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाराणसी में गंगा पर चलने वाली नावों के पूरे बेड़े को पर्यावरण के अनुकूल ईंधन से बदलने की योजना है। इन नावों को सीएनजी की आपूर्ति नमो घाट पर गेल की तरफ से स्थापित देश के पहले तैरते हुए सीएनजी स्टेशन से की जा रही है।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवित्र गंगा पर सीएनजी वाली नौकाएं चलाने की इच्छा जताई थी। 500 नावों के लक्ष्य के मुकाबले 583 नावों को पहले ही सीएनजी में बदला जा चुका है। हम 2,000 नावों को सीएनजी-चालित बनाने के लिए काम कर रहे हैं।’

सीएनजी ईंधन को बढ़ावा देने के लिए इस पवित्र शहर के तट पर सीएनजी से चलने वाली नावों का लक्ष्य रखा गया है

पुरी ने कहा कि डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी इंजन कम प्रदूषणकारी होता है और ये सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी नहीं करते हैं। इसके अतिरिक्त सीएनजी इंजन काफी शांत भी होते हैं, जिससे जलीय जीवन और घाटों के साथ स्थित ऐतिहासिक धरोहरों पर डीजल इंजनों के तेज शोर के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।

पुरी ने कहा, ”हमारे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है। वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है जहां परंपरा आधुनिकता के साथ मिलती है।”

उन्होंने कहा कि सीएनजी इंजन से न केवल प्रदूषण में कमी आती है बल्कि नाविकों के लिए प्रति वर्ष 25,000 रुपये से 30,000 रुपये बचाने में भी मदद मिलेगी।

First Published - January 22, 2023 | 7:20 PM IST

संबंधित पोस्ट