G-20 के कारोबार समूह बिजनेस 20 (B-20) की पहली बैठक में जलवायु कार्रवाई, लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने, वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देने और डिजिटल समावेशी समाज बनाने पर जोर होगा। गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 22 जनवरी से शुरू हो रही 3 दिवसीय बैठक में भारत के कारोबार जगत के दिग्गज, नीति निर्माता, G-20 देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं।
उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि B-20 इंडिया की अवधारणा में राइज (जिम्मेदार, त्वरित, अभिनव सतत और न्यायसंगत व्यवसाय) शामिल है। सरकार ने CII को B-29 के सचिवालय के रूप में नामित किया है। CII G-20 की भारत की अध्यक्षता में B-20 के आयोजन का भी नेतृत्व व आयोजन करेगा।
B-20 इंडिया 7 कार्यबलों और 2 कार्रवाई परिषदों के साथ B-20 के रणनीतिक विजन को मूर्त रूप देने पर काम करेगा। इसके पीछे प्रमुख विचार यह होगा कि वैश्विक महत्त्व के मसलों के दृष्टिकोण को नीतिगत परिणाम में किस तरह बदला जाए। 3 दिन तक चलने वाला यह कार्यक्रम अहम है क्योंकि इसमें अध्यक्षता से जुड़े B-20 के सभी कार्यबलों और कार्रवाई परिषदों की रूपरेखा तैयार होगी।
बयान में कहा गया है, ‘शुरुआती बैठक में चिह्नित की गई प्राथमिकताओं पर चर्चा होगी और इसके बाद नीतिगत सिफारिशें तैयार करने पर काम होगा, जिसे नेताओं के शिखर सम्मेलन के पहले G-20 को सौंपा जाएगा।’
इस बैठक में B-20 इंडिया और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, बजाज फिनसर्व लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज, मास्टरकार्ड की रणनीतिक वृद्धि के चेयरमैन एवं प्रेसीडेंड माइकल फ्रोमैन, ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स के प्रबंध निदेशक चार्ल्स रिक जॉनसन, फॉक्सवैगन ग्रुप सेल्स के काहन वोन सीलेन, मार्सगाग्लिया होल्डिंग के मुख्य कार्याधिकारी एम्मा मार्सिगाग्लिया के अलावा अन्य शामिल होंगे।
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B-20 की स्थापना 13 साल पहले हुई थी और यह G-20 के प्रमुख समूहों में शामिल है और वैश्विक कारोबार की प्राथमिकताएं तय करती है। भारत 2023 के लिए G-20 की अध्यक्षता और इस 18वें सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।