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केंद्र ने किया बाइक टैक्सी का रास्ता साफ, सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को बताई नई परिभाषा

Bike Taxi: इस कदम का उद्देश्य देश में मोटरसाइकिलों को कानूनी तौर पर अनुबंध गाड़ी के तौर पर संचालित करने की अनुमति देना है।

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नितिन कुमार   
Last Updated- February 14, 2024 | 10:48 PM IST

केंद्र सरकार ने बाइक टैक्सी कारोबार को कानूनी जामा पहनाने का प्रयास किया है। इसके तहत केंद्र ने बाइक टै​क्सियों की परिभाषा स्पष्ट करते हुए राज्य सरकारों को परामर्श अधिसूचना जारी की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 22 जनवरी को यह अधिसूचना जारी की थी, जिसका शीर्षक है- ‘मोटरसाइकल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2(7) के तहत ‘ठेके पर चलने वाली गाड़ी’ की परिभाषा के दायरे में आती है’ शीर्षक से यह अ​धिसूचना जारी की थी।

इस कदम का उद्देश्य देश में मोटरसाइकिलों को कानूनी तौर पर अनुबंध गाड़ी के तौर पर संचालित करने की अनुमति देना है।इससे परिवहन के नए विकल्प उपलब्ध होंगे और लोगों के लिए आय के अवसर भी पैदा होंगे।

मोटर वाहन अ​धिनियम के अनुसार ठेके वाली गाड़ी उस वाहन को कहा जाता है जो पहले से तय शर्तों के साथ सवारियों की आवाजाही के लिए किराये पर लिया जाता है। इसमें वाहन को तय किराये पर एक निश्चत दूरी या नि​श्चित अव​धि के लिए दिया जाता है। इसमें रास्ता तय होना जरूरी नहीं है।

परामर्श अ​धिसूचना में कहा गया है, ‘स्पष्ट किया जाता है कि मोटर वाहन अ​धिनियम की धारा 2 (28) के अनुसार जिन वाहनों में चार पहिये न हों और इंजन 25 सीसी से ज्यादा का हो, उन्हें भी मोटर वाहन की श्रेणी में शामिल किया गया है। ऐसे में मोटरसाइकल भी इस अ​धिनियम की धारा 2(7) के दायरे में आएगी।’

​कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार की अ​​धिसूचना बाइक टै​क्सियों की कानूनी ​स्थिति को स्पष्ट करती है। ऐसे में राज्यों को मोटरसाइकल परमिट को टैक्सी में शामिल करने के लिए प्रक्रिया और दिशानिर्देश दुरुस्त करने होंगे।

एजेडबी ऐंड पार्टनर्स में सीनियर पार्टनर अ​भिषेक अवस्थी ने कहा, ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अ​धिसूचना जारी कर नियामकीय असमंजस को दूर किया है। अधिसूचना से स्पष्ट है कि दोपहिया भी मोटर वाहन के दायरे में आते हैं। राज्य सरकारों को इस परामर्श का पालन करना चाहिए और दोपहिया वाहनों को पंजीकृत कर ठेके या किराये वाली गाड़ी का परमिट जारी करना चाहिए।’

विशेषज्ञों ने बाइक टैक्सी चालकों और एग्रीगेटर कंपनियों की चिंता को दूर करने की दिशा में सरकार के इस कदम को सकारात्मक बताया है। मगर बाइक चलाने की अनुमति प्राप्त करना अभी भी चुनौती होगी क्योंकि सड़क परिवहन राज्य के दायरे में आता है। विशेषज्ञों ने यह भी उल्लेख किया है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में किसी तरह का संशोधन नहीं किया गया है।

यह स्पष्टीकरण उस समय आया है, जब राज्य सरकारों और कैब एग्रीगेटरों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। ऐसा खास तौर पर उन राज्यों में दिख रहा है जहां बाइक टैक्सी को परिभा​​षित नहीं किया गया है।

एग्रीगेटरों का कहना है कि बाइक टैक्सी न केवल सस्ते परिवहन एवं आजीविका के अवसर पैदा करती है ब​ल्कि वह सार्वजनिक परिवहन नेटवर्कों के बीच खाई को भी पाटती है। इसके उलट सरकार सुरक्षा की चिंता और मौजूदा नियमों से बंधे होने का हवाला देते हुए बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने को सही ठहरा रही है। दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित कई राज्य टैक्सी के तौर पर बाइक के इस्तेमाल पर पहले ही रोक लगा चुके हैं तथा अन्य राज्य भी ऐसा ही विचार कर रहे हैं।

First Published : February 14, 2024 | 10:48 PM IST