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HMPV के बढ़ते मामलों पर केंद्र सतर्क, राज्यों को निगरानी और जागरूकता बढ़ाने के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘देश सांस से जुड़ी बीमारी में किसी भी संभावित वृद्धि के लिए अच्छी तरह तैयार है।’

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संकेत कौल   
Last Updated- January 07, 2025 | 10:23 PM IST

देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है। देश में सांस संबंधी बीमारियों की मौजूदा स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का जायजा लेने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि एचएमपीवी से आम जनता के लिए कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि 2001 से ही इसकी मौजूदगी दुनिया में रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘देश सांस से जुड़ी बीमारी में किसी भी संभावित वृद्धि के लिए अच्छी तरह तैयार है।’ बैठक चीन में एचएमपीवी मामलों में वृद्धि की चिंताजनक खबरों के बीच बुलाई गई जिसके बाद देश में एमएमपीवी के पांच मामले की पुष्टि हुई। इसमें कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो मामले तथा गुजरात के अहमदाबाद में एक मामले की पुष्टि हुई।

महाराष्ट्र के नागपुर में एचएमपीवी के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं और दोनों मरीजों के नमूने नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को भेजे गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सांस संबंधी कई वायरसों में से एक एचएमपीवी है जो हर उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है और आमतौर पर सर्दियों के महीने में और बसंत के महीने की शुरुआत में इसमें वृद्धि देखी जाती है। इसमें कहा गया, ‘वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और सीमित होता है और ज्यादातर संक्रमित लोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।’

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस से जुड़ी गंभीर संक्रामक बीमारी की निगरानी बढ़ाने और इसकी समीक्षा करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात को दोहराया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी)  से मिले आंकड़े, देश में कहीं भी इन्फ्लूएंजा और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारी के मामले में असामान्य बढ़ोतरी के संकेत नहीं देते हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वायरस रिसर्च ऐंड डायग्नॉस्टिक लैबोरेटरी (वीआरडीएल) नेटवर्क में इलाज की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते यह घोषणा की थी कि सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है और फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि यह वायरस भारत के लिए नया नहीं है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘मंत्रालय के एक संयुक्त निगरानी समूह ने पहले ही एचएमपीवी की जांच के लिए आईसीएमआर नेटवर्क के तहत प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने बढ़ाने की सिफारिश की थई ताकि पूरे वर्ष इससे जुड़े रुझानों की निगरानी हो सके।’

केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को देखते हुए कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की निगरानी करनी शुरू कर दी है और तैयारी बढ़ाने के मकसद से सार्वजनिक स्वास्थ्य चेतावनी भी जारी की है। कई राज्यों ने अस्पतालों को संदिग्ध मामलों को आइसोलेट करने के लिए कहा है।

(साथ में एजेंसियां)

First Published : January 7, 2025 | 10:23 PM IST