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Budget 2025: 10 हजार करोड़ रुपये का नया फंड ऑफ फंड्स

शुरुआती स्तर के निवेशकों ने कहा कि इस घोषणा से ज्यादा से ज्यादा घरेलू उद्यम पूंजीपतियों को अपनी फंडिंग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

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अजिंक्या कवाले   
Last Updated- February 01, 2025 | 11:00 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपये के नए फंड ऑफ फंड्स की घोषणा की। इस कवायद से स्टार्टअप क्षेत्र को पिछले कुछ वर्षों से रकम जुटाने में आ रही दिक्कतें दूर करने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2016 में पहली बार पेश की गई 10,000 करोड़ रुपये की फंड ऑफ फंड्स योजना से 91,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताओं में मदद मिलीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली स्टार्टअप की अगली पीढ़ी को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए डीपटेक फंड ऑफ फंड्स की भी संभावना देखेगी।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा, ‘स्टार्टअप के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के लिए 91,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं। इन्हें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान से बनाए गए फंड ऑफ फंड्स से समर्थन दिया गया। अब 10,000 करोड़ रुपये के एक अन्य नये फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की जा रही है।’

इन्फो एज के संस्थापक और जोमैटो जैसी फर्म में निवेशक संजीव बिखचंदानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘कुछ साल पहले पेश किए गए पहले फंड से भारतीय उद्यम पूंजी (वीसी) उद्योग को भारी प्रोत्साहन मिला। दर्जनों भारतीय वीसी फंड सैकड़ों भारतीय स्टार्टअप को जोखिम पूंजी देने के लिए स्थापित किए गए।’

शुरुआती स्तर के निवेशकों ने कहा कि इस घोषणा से ज्यादा से ज्यादा घरेलू उद्यम पूंजीपतियों को अपनी फंडिंग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

पहली बार साल 2016 में फंड ऑफ फंड्स पेश किया गया था। सरकार सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) में पंजीकृत एआईएफ (वैकल्पिक निवेश फंड) के जरिये इन फंडों की रकम देती है। इससे पिछले कुछ वर्षों में भारतीय स्टार्टअप परिवेश को भारी प्रोत्साहन मिला है। 

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने साल 2014 में 11.3 अरब डॉलर जुटाए थे जो साल 2023 में जुटाए गए 10.9 अरब डॉलर से 4 फीसदी अधिक है। मगर इस क्षेत्र द्वारा साल 2022 में जुटाई गए 25.8 अरब डॉलर रकम के मुकाबले यह रकम काफी कम है। प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में रकम जुटान के मामले में अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत चौथे स्थान पर है। फिलहाल, देश में 1.4 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं। भारत में अकेले साल 2024 में छह यूनिकॉर्न कंपनियां बनी हैं।

उभरते शहरों में बनेगा जीसीसी का राष्ट्रीय ढांचा

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में उभरते मझोले शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों के मार्गदर्शन के लिए राष्ट्रीय ढांचे के निर्माण की भी घोषणा की है। पहली बार इस तरह का कोई ढांचा तैयार किया जाएगा।  एएनएसआर के मुख्य कार्य अधिकारी ललित आहूजा ने कहा, ‘दुनिया की 80 फीसदी कंपनियों ने अभी तक भारत में जीसीसी की स्थापना नहीं की है। इस पहल से वैश्विक जीसीसी राजधानी के तौर पर भारत का आकर्षण बढ़ाने की अद्भुत क्षमता है। इसके साथ ही देश के उभरते शहरों में लाखों नौकरियां पैदा करने का भी अवसर है।’

(साथ में शिवानी शिंदे)

First Published : February 1, 2025 | 11:00 PM IST