नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने हवाई अड्डों को निर्देश दिया है कि वे नए स्थान आबंटित करने से पहले सुरक्षा जांच केंद्रों पर यात्रियों को संभालने की क्षमता की जांच करें। नागरिक सुरक्षा जांच नियामक ने टर्मिनलों पर भीड़भाड़ कम करने व विलंब को कम करने के लिए 22 मई को दिशानिर्देश जारी किया था।
इससे उड़ानों के कार्यक्रमों पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस पर एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट एयरपोर्ट आपरेशंस (APAO) ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नियामक के मानदंड अत्यधिक परंपरावादी हैं। हवाई अड्डों का लगता है कि यदि इन दिशानिर्देशों को लागू किया जाएगा तो क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्यधिक पूंजी खर्च की जरूरत होगी। एपीएओ ने नागरिक विमानन मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे इस प्रक्रिया के लिए अंतरराष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त करे।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने बीती सर्दियों में दिल्ली हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार और सुरक्षा जांच पर लंबी कतारें लगने की शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया है। इस क्रम में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दिल्ली टर्मिलन पर भीड़-भाड़ कम करने के लिए कई कदम उठाए थे। इस क्रम में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्रैवल सीजन के पीक की तैयारियों के लिए हुई बैठक की अध्यक्षता भी की।
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BCAS ने हवाई अड्डों पर लगी एक्स रे मशीनों और स्टॉफ व क्रू की जांच करने की क्षमता के आधार पर यात्रियों को जांचने की क्षमता (हर साल में दो बार) तय की है। इस क्रम में हरेक एक्स-रे मशीन की प्रति घंटा जांच की क्षमता भी तय की गई है। घरेलू स्तर पर हरेक मशीन की प्रति घंटे जांचने की क्षमता 135 से 180 मुसाफिर तय की गई है –यह ‘ऑटोमेटिड ट्रे रिट्राइवल सिस्टम’ के लिए है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह प्रति मशीन प्रति घंटा 105 से 160 मुसाफिर है।
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दरअसल घरेलू यात्रियों की तुलना में विदेशी से आने वाले यात्री अधिक सामान लेकर आते हैं। इसलिए मशीन की क्षमता कम हो जाती है। इसी तरह सर्दियों के दौरान जांचने की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जैकेट और सर्दी के कपड़ों को मशीन में जांच के प्रक्रिया से गुजरने के लिए अधिक ट्रे की जरूरत होती है। इसलिए हवाई अड्डा संचालकों को यह हिदायत दी गई है कि सर्दियों के मौसम में अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करने के अनुरूप अतिरिक्त संसाधनों और उपकरणों का इस्तेमाल करें। देशभर के हवाई अड्डों पर शनिवार को 6721 हवाई जहाजों की आवाजाही हुई और 10 लाख से अधिक मुसाफिरों ने यात्रा की। इनमें घरेलू और विदेश आने जाने वाले यात्री शामिल थे।