उत्तराखंड के बद्रीनाथ के पास एक बर्फीले तूफान में 47 मजदूर फंस गए हैं, जिनमें से अब तक 10 मजदूरों को बचा लिया गया है। भारी बर्फबारी और कठिन परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सेना और अन्य़ एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हुई है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ में शुक्रवार को एक बड़ा बर्फीला तूफान आया, जिसमें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के लिए बर्फ हटाने का काम कर रहे 57 मजदूर फंस गए। बचाव दल अब तक कम से कम 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल चुका है, जबकि 41 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं। यह बर्फीला तूफान माणा गांव के पास BRO के एक कैंप पर गिरा।
ये मजदूर एक निजी एजेंसी के कर्मचारी हैं, जिसे BRO ने ठेके पर लिया था। चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा कि अब तक किसी की मौत की खबर नहीं है। समाचार एजेंसी ANI ने तिवारी के हवाले से कहा, “वहां कोई सैटेलाइट फोन उपलब्ध नहीं है, जिससे साफ तौर पर संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है।”
भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड ने बचाव कार्य की तस्वीरें जारी की हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा गया, “गढ़वाल सेक्टर में माणा गांव के पास GREF कैंप पर एक बर्फीला तूफान आया। कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड ने भारी बर्फबारी और छोटे-छोटे बर्फीले तूफानों के बावजूद तेजी से बचाव अभियान शुरू किया। अब तक 10 लोगों को बचा लिया गया है और सेना द्वारा उन्हें मेडिकल सहायता दी जा रही है। अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों को मौके पर भेजा जा रहा है।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने X पर एक पोस्ट में कहा, “चमोली जिले के माणा गांव के पास BRO द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान कई मजदूरों के बर्फीले तूफान में दबे होने की दुखद खबर मिली। राहत और बचाव कार्य ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा किया जा रहा है। मैं भगवान बद्री विशाल से सभी श्रमिक भाइयों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।”