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Air India Plane Crash: 12 जून को क्रैश हुए एयर इंडिया विमान की कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से यह संकेत मिला है कि संभवतः कैप्टन ने खुद ही इंजन का फ्यूल सप्लाई बंद किया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात की जानकारी अमेरिका के उन अधिकारियों से मिली है जो इस हादसे की जांच में शामिल हैं। यह खुलासा जांच को एक नया मोड़ दे सकता है।
फ्लाइट AI171 की शुरुआती जांच में क्या निकला?
हालांकि यह निष्कर्ष अभी किसी आधिकारिक दस्तावेज़ का हिस्सा नहीं है, लेकिन अमेरिकी जांचकर्ताओं का मानना है कि यह फ्लाइट AI171 के क्रैश का संभावित कारण हो सकता है। बता दें कि इस हादसे में 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और जांच अब भी जारी है।
कॉकपिट में क्या हुआ था?
रिपोर्ट के अनुसार, टेक-ऑफ के वक्त बोइंग 787 की कमान फर्स्ट ऑफिसर के हाथ में थी। उसी दौरान उन्होंने कैप्टन से पूछा कि फ्यूल स्विच को ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजीशन पर क्यों किया जा रहा है। यह बदलाव इंजन तक फ्यूल की सप्लाई को रोक देता है। फर्स्ट ऑफिसर ने तुरंत फ्यूल सप्लाई दोबारा शुरू करने की भी बात कही थी।
AAIB की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
12 जुलाई को एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की ओर से जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में भी यह पुष्टि की गई है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि फ्यूल क्यों काटा गया। जवाब में इनकार किया गया था। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह सवाल और जवाब किन दो पायलटों—कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर—में से किसने दिया। दोनों पायलटों के पास क्रमशः 15,638 और 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था।
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AAIB की शुरुआती जांच: टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद बंद किए गए थे फ्यूल स्विच, हादसे के कारणों पर संशय बरकरार
लंदन जा रहे विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट में अहम तकनीकी जानकारियां सामने आई हैं। जांच में पाया गया कि टेक-ऑफ के चंद सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच को “RUN” से “CUTOFF” मोड में कर दिया गया था। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ऐसा क्यों किया गया।
कॉकपिट में किसने दबाए स्विच, नहीं मिला वीडियो फुटेज
अभी तक कॉकपिट के अंदर का कोई वीडियो उपलब्ध नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि स्विच किस पायलट ने दबाए। हालांकि, अमेरिका की जांच रिपोर्ट और अन्य सुरागों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि यह कार्रवाई शायद कप्तान ने की हो।
राम एयर टर्बाइन एक्टिव होने से संकेत मिला पावर लॉस का
एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरों में यह देखा गया कि विमान का ‘राम एयर टर्बाइन’ (एक इमरजेंसी पावर सिस्टम) एक्टिव हुआ, जो इस बात का संकेत है कि टेक-ऑफ के तुरंत बाद इंजनों की थ्रस्ट लॉस हो गई थी। विमान अधिकतम 650 फीट तक की ऊंचाई तक गया और फिर उसकी ऊंचाई गिरने लगी। इसके कुछ समय बाद फ्यूल स्विच वापस “RUN” मोड में लाए गए, जिससे इंजन को ऑटोमैटिकली री-स्टार्ट करने की कोशिश हुई।
विमान ने कुछ ही दूरी पर पेड़ों की ऊंची शाखाओं और एक चिमनी को छूते हुए पास के मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा कर क्रैश कर दिया। हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि ग्राउंड पर मौजूद 19 लोग भी इसकी चपेट में आकर मारे गए।
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पश्चिमी मीडिया की ‘चुनिंदा रिपोर्टिंग’ पर AAIB की सख्त प्रतिक्रिया
17 जुलाई को AAIB ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों की आलोचना की और कहा कि वे अधूरी और अप्रमाणित जानकारियों के आधार पर गलत निष्कर्ष निकाल रही हैं। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि जांच अभी चल रही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
एजेंसी ने यह भी दोहराया कि ऐसे हादसे आमतौर पर कई कारणों के मेल से होते हैं और इस केस में फाइनल रिपोर्ट एक साल के भीतर पेश की जाएगी, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों में तय है।
Boeing और GE पर कोई सेफ्टी अलर्ट नहीं जारी
14 जुलाई को एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने एक आंतरिक ज्ञापन में बताया कि अब तक की जांच में कोई तकनीकी खराबी या मेंटेनेंस फेलियर नहीं मिला है। इसी वजह से Boeing और General Electric (GE) के लिए किसी तरह की सेफ्टी रिकमेंडेशन रिपोर्ट में शामिल नहीं की गई है।
जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिकी FAA और Boeing ने यह दोहराया कि Boeing 787 विमानों में फ्यूल स्विच लॉक की सेफ्टी पर उन्हें पूरा भरोसा है।
अमेरिका की NTSB (नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड) इस जांच में AAIB की मदद कर रहा है। बोर्ड की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी को कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग और फ्लाइट डेटा की डिटेल जानकारी दी गई है, जिसे NTSB के विशेषज्ञों ने निकाला था।
Cockpit कैमरा पर फिर छिड़ी बहस
इस हादसे के बाद विमान सुरक्षा जगत में एक बार फिर यह मांग उठी है कि कॉमर्शियल विमानों में कॉकपिट इमेज रिकॉर्डर भी होने चाहिए। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कैमरे दुर्घटना के कारणों की सही तस्वीर पेश करने में मददगार साबित हो सकते हैं।