एयर इंडिया की एआई171 दुर्घटना पर हुई जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अमेरिकी मीडिया समूह द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में यह दावा किया गया है कि विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल ने दुर्घटना से कुछ क्षण पहले फ्यूल स्विच को बंद कर दिया था। इस पर भारत के अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के महानिदेशक जीवीजी युगंधर ने आज कहा कि एयर इंडिया की उड़ान एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों के बारे में विदेशी मीडिया के कुछ तबकों में लगाई जा रही अटकलें ‘निराधार’ और ‘समयपूर्व’ हैं।
एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान (पंजीकरण वीटी-एएनबी) के 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद युगंधर का यह पहला सार्वजनिक बयान है। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई थी। ‘अपील’ शीर्षक के तहत उनका यह बयान द वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा यह रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है।
जांच में शामिल कुछ अमेरिकी सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की वॉइस रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि सभरवाल ने उड़ान भरने के बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच को ‘कटऑफ’ कर दिया जिस पर फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने हैरानी और घबराहट के साथ प्रतिक्रिया दी।
यह अमेरिकी आकलन ब्लैक बॉक्स डेटा पर आधारित है इसलिए अटकलें शुरू हो गईं कि सभरवाल ने जानबूझकर ऐसा किया होगा अथवा गलती से। उसमें गया है कि अगर दुर्घटना अमेरिकी धरती पर हुई होती तो इस तरह की बातें अमेरिकी अधिकारियों को आपराधिक नजरिये से इस मामले की जांच करने के लिए प्रेरित कर सकती थीं।
दुर्घटना की जांच रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि किसने क्या कहा, लेकिन एएआईबी की रिपोर्ट ने तकनीकी खराबी से इनकार नहीं किया है। उसमें कहा गया है कि हादसे की जांच अभी जारी है और उसमें विमान चिकित्सा एवं मनोविज्ञान के विशेषज्ञ शामिल थे।
युगंधर ने कहा, ‘इस हादसे में मारे गए यात्रियों, चालक दल के सदस्यों एवं अन्य मृतकों के परिवार के सदस्यों को हुए नुकसान के प्रति संवेदनशीलता का सम्मान करना जरूरी है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे संज्ञान में आया है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार चुनिंदा और तथ्यों को सत्यापित किए बिना की जा रही रिपोर्टिंग के जरिये निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह का काम बिल्कुल गैरजिम्मेदाराना है, खास तौर पर ऐसे समय में जब हादसे की जांच जारी है।’
एएआईबी ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी, जिससे पता चला था कि उड़ान भरने के तुरंत बाद दोनों इंजन की ईंधन आपूर्ति बंद हो गई थी। दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच को ‘कटऑफ’ किया गया और करीब 10 सेकंड बाद उन्हें दोबारा चालू कर दिया गया। मगर तब तक इंजन में आग लग चुकी थी।
युगंधर ने कहा, ‘एएआईबी की जांच एवं प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य यह जानकारी प्रदान करना है कि वास्तव में क्या हुआ। मगर फिलहाल किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।’ उन्होंने जनता और मीडिया से आग्रह किया कि समय से पहले ऐसी कोई कहानी न गढ़ें जिससे जांच प्रक्रिया को नुकसान हो।’
युगंधर ने जोर देकर कहा कि एएआईबी ने विमान (दुर्घटनाओं एवं घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के तहत इस हादसे की सख्ती एवं पेशेवर तरीके से जांच की है। यह अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रोटोकॉल के तहत भारत के दायित्वों को नियंत्रित करता है। उन्होंने एएआईबी के ट्रैक रिकॉर्ड पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इसने 2012 में अपनी स्थापना के बाद से 92 दुर्घटनाओं और 111 गंभीर घटनाओं की जांच की है।