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अक्टूबर में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 5 माह में सबसे कम, प्रतिस्पर्धा और बारिश से मांग पर असर

एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया सेवा क्रय प्रबंधन सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा अक्टूबर में घटकर 58.9 हो गया, जो सितंबर में 60.9 था

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शिवा राजौरा   
Last Updated- November 06, 2025 | 9:12 PM IST

देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश के कारण अक्टूबर में पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई। गुरुवार को जारी एक सर्वेक्षण से इसका खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि मांग में उछाल और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में राहत से परिचालन स्थितियों में सुधार आया है।

एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया सेवा क्रय प्रबंधन सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा अक्टूबर में घटकर 58.9 हो गया, जो सितंबर में 60.9 था। सूचकांक लगातार चार महीने तक 60 से ऊपर रहा, जिसके बाद यह गिरावट आई है।

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘अक्टूबर के आंकड़ों ने भारतीय सेवा उत्पादन और नए व्यवसाय में नरमी दिखाई है मगर इसमें अब भी विस्तार की पर्याप्त गुंजाइश है। फिर भी, कंपनियों को आने वाले 12 महीनों के दौरान कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि का पूरा भरोसा था।’ इस नरमी के बावजूद सेवा पीएमआई सूचकांक बीते 51 महीनों से 50 के तटस्थ स्तर से ऊपर रहा है।

एचएसबीसी में भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि एक महीने पहले के मुकाबले इस मंदी की मुख्य वजह प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश रही। उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद, सेवा क्षेत्र का पीएमआई अब भी 50 के तटस्थ स्तर और अपने दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर चल रहा है। इनपुट लागत में 14 महीनों में सबसे धीमी वृद्धि हुई है, जिससे कंपनियों को कुछ राहत मिली है। इस बीच, भारत का समग्र पीएमआई क्रमिक आधार पर सितंबर के 61.0 से गिरकर पिछले महीने 60.4 पर आ गया, जिसका मुख्य कारण सेवा क्षेत्र में मंदी है।’

First Published : November 6, 2025 | 9:09 PM IST