बिहार में विधान सभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ, जो राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक है। निर्वाचन आयोग ने कुल 243 सीटों में से इस चरण में संपन्न 121 सीटों के मतदान के आंकड़े शाम को जारी किए। राज्य में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक देखी गई। छुटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।
आयोग के अधिकारियों ने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में दिखे उत्साह और रिकॉर्ड मतदान का श्रेय कुछ माह पहले कराए गए मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को दिया। एसआईआर प्रक्रिया में लगभग 65 लाख ऐसे मतदाता सूचियों से हटा गए जो या तो मृत पाए गए या राज्य से बाहर चले जाने के कारण अपने निवास का पता बदल चुके हैं।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार पहले चरण में मतदान वाली 121 सीटों पर 64.66 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह आंकड़ा 2020 के विधान सभा चुनाव के 57.29 प्रतिशत से 7.37 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया। यही नहीं, इस बार का आंकड़ा ढाई दशक पहले 2000 में हुए विधान सभा चुनाव के 62.57 वोट प्रतिशत से भी ऊपर निकल गया।
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इससे भी अलग 1998 में आम चुनाव में सबसे अधिक 64.6 प्रतिशत वोट पड़े थे, लेकिन गुरुवार को विधान सभा के लिए हुए मतदान में मतदाताओं से उससे भी अधिक उत्साह दिखाया।
आयोग के सूत्रों ने कहा कि जिस तरह मतदाताओं में उत्साह दिखा, उससे उम्मीद जगी है कि 11 नवंबर को दूसरे चरण में होने वाले मतदान में भी यही रुझान जारी रहेगा। उस दिन राज्य की शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण में राजद नेता तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्री और दिग्गज उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष माहौल में संपन्न हुआ। कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाओं के अलावा कहीं से कोई बड़ी गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली। राज्य के 18 जिलों में फैली इन 121 सीटों में सभी जगह मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं।
यह चुनाव सत्तारूढ़ राजग और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन, दोनों के लिए अत्यंत अहम माना जा रहा है। राजग को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिकॉर्ड और हाल में की गई कल्याणकारी योजनाएं सरकार विरोधी लहर को कमजोर करेंगी। वहीं, विपक्ष का दावा है कि लोग अब बदलाव चाहते हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक पोस्ट में कहा, ‘अगर रोटी को तवे पर नहीं पलटा जाए तो वह जल जाती है। बीस साल बहुत लंबा वक्त है। नया बिहार बनाने के लिए तेजस्वी सरकार जरूरी है।’
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं को पहले चरण में 1951 के बाद से रिकॉर्ड मतदान के लिए धन्यवाद दिया। कुमार ने कहा कि चुनाव मशीनरी ने पूरी पारदर्शिता और समर्पण के साथ काम किया।
(साथ में एजेंसियां)