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Adani-Hindenburg case: कांग्रेस का प्रदर्शन 22 को, अदाणी घोटाले की जेपीसी जांच की मांग; सेबी चेयरपर्सन के इस्तीफे की गुहार

पार्टी ने बैठक में लिया फैसला, हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी जांच और जाति जनगणना कराने की मांग भी दोहराई

Last Updated- August 13, 2024 | 10:15 PM IST
Congress insists on alliance with AAP in Haryana elections कांग्रेस का हरियाणा चुनाव में आप से गठबंधन पर जोर

Adani-Hindenburg case: कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि आगामी 22 अगस्त को पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी। यह विरोध इस मांग के साथ किया जाएगा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा हाल में लगाए गए आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाई जाए। पार्टी ने इन आरोपों को ‘बड़ा अदाणी घोटाला’ करार दिया है। पार्टी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन को हटाने की मांग भी करेगी।

राजधानी दिल्ली में आयोजित कांग्रेस महासचिवों, उसकी राज्य इकाइयों के प्रमुखों और राज्य प्रभारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 22 अगस्त को देश भर में पार्टी कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालयों के बाहर अपनी इन मांगों के साथ
प्रदर्शन करेंगे।

बैठक में आगामी विधान सभा चुनावों को लेकर पार्टी की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। आने वाले महीनों में झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव होने हैं।

विधान सभा चुनावों को लेकर कांग्रेस राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और संविधान के पालन को लेकर जन अभियान शुरू करेगी। पार्टी ने कहा कि इस दिशा में काम आरंभ हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की अध्यक्षता की और इसमें राहुल गांधी समेत 56 नेता शामिल हुए। राहुल ने पत्रकारों से कहा कि वह जल्दी ही हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके कहा गया, ‘कांग्रेस अदाणी मामले में जेपीसी जांच की मांग करती है जिसमें प्रधानमंत्री पूरी तरह शामिल हैं और अब पाया गया है कि वित्तीय बाजार नियामक की भी इसमें गंभीर संलिप्तता है।’

बैठक के बाद खरगे ने एक्स पर लिखा, ‘सेबी और अदाणी के बीच गठजोड़ के हैरतअंगेज खुलासे की व्यापक जांच की आवश्यकता है। शेयर बाजार के छोटे निवेशकों के पैसे के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को तत्काल सेबी चेयरपर्सन का इस्तीफा मांगना चाहिए और जेपीसी गठित करनी चाहिए।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के संभावित कदाचार को लेकर और सवाल पैदा हुए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘सेबी चेयरपर्सन बनने के पहले बुच द्वारा स्थापित सलाहकार फर्म की नियामकीय फाइलिंग बताती है कि फर्म और सांविधिक अंकेक्षक का पता एक ही है।’

रमेश ने कहा कि जहां माधवी उस फर्म के निदेशक के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं वहीं उनके पति 2019 से उसमें निदेशक हैं। रमेश ने कहा कि किसी कंपनी और उसके अंकेक्षक का एक ही पते पर पंजीकृत होना खराब कारोबारी प्रशासन की निशानी है।

रमेश ने सेबी चेयरपर्सन और उनके पति पर आरोप लगाया कि उन्होंने यह दावा करके जनता को गुमराह किया कि ‘सेबी में उनकी नियुक्ति के साथ ही उक्त सलाहकार फर्म डॉरमेंट यानी निष्क्रिय हो गई।’ उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है और 2019 से 2024 के बीच फर्म ने 3.63 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। इसमें से अधिकांश राशि 2019 से 2022 के बीच जुटाई गई जब बुच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं। मार्च 2022 में सेबी प्रमुख के रूप में उनके चयन के बाद फर्म ने 41.75 लाख रुपये कमाए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह कहना जारी रखा कि कांग्रेस की जेपीसी जांच की मांग एक दिखावा भर है और उसका इरादा देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को ‘अस्थिर’ करने का है। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को राहुल गांधी की शेयरधारिता में कथित इजाफे का जिक्र किया और कहा कि वह जब शोर मचा रहे थे तब उनकी ‘मोहब्बत की दुकान’ मुनाफा कमा रही थी। उनका निशाना गांधी द्वारा हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सेबी की आलोचना पर केंद्रित था।

त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भारतीय स्टेट बैंक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और जीवन बीमा निगम में अनियमितता का आरोप लगाया था जिन्होंने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अक्सर विदेशी कंपनियों के साथ खड़ी रही है। उन्होंने यूनियन कार्बाइड, बोफोर्स और अगस्टा वेस्टलैंड का जिक्र किया।

इससे संबंधित एक अन्य घटनाक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के तहत भारत मंडपम से ‘तिरंगा बाइक रैली’ को हरी झंडी दिखाते हुए अपने संबोधन में कहा कि भारत ‘परमाणु गति’ से विकास कर रहा है लेकिन यह बात कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही है और वे अवरोध तथा अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग ‘अचानक सामने आने वाले मुद्दों को सही मान बैठते हैं।’

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार को सेबी चेयरपर्सन के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की जांच का आदेश देना चाहिए।

उधर पार्टी बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल (संगठन) ने कहा कि पार्टी ने केंद्र की राजग सरकार से कहा है कि वह ऐसे कदम उठाए जिससे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा उनके उपासना स्थलों पर हमले बंद हो सकें और वे सुरक्षा, सम्मान और सौहार्द के साथ जीवन जी सकें।

कांग्रेस ने बैठक में मांग की कि केंद्र सरकार वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उपवर्गीकरण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी ने विभिन्न राज्यों के नेतृत्वों के साथ मशविरे के लिए एक समिति गठित की है। उत्तर भारत में कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां जहां इस वर्गीकरण के खिलाफ हैं वहीं कर्नाटक और तेलंगाना में पार्टी के मुख्यमंत्रियों ने इस आदेश का स्वागत किया है।

First Published - August 13, 2024 | 10:15 PM IST

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