वर्ष 2024 तमाम घटनाओं और बदलावों के बीच एक बड़ी क्षति का साल भी था। परंतु इसी वर्ष भारत ने बुनियादी ढांचे और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मामले में भी निर्णायक प्रगति की।
एक दिग्गज का निधन: देश के कारोबारी जगत के दिग्गज और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (86 वर्ष) का 9 अक्टूबर को मुंबई में निधन हो गया। वह बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे। टाटा के पास अनूठी कारोबारी दृष्टि थी। उनके निधन पर दुनिया भर से श्रद्धांजलि अर्पित कीगई। उनके नेतृत्व में देश का सबसे बड़ा कारोबारी समूह यानी टाटा समूह एक वैश्विक ब्रांड बना। पद्मविभूषण से सम्मानित टाटा को उनके परोपकारी कार्यों तथा स्टार्टअप के साथ खड़े रहने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने स्टार्टअप कंपनियों में भी बेहद उदारता के साथ निवेश किया। उनके निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया।
मुश्किल घड़ी: अगस्त में हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया। अमेरिका के इस शॉर्ट सेलर समूह ने कहा कि अदाणी समूह से संबद्ध विदेशी फंडों के साथ बुच के भी ताल्लुक हैं जबकि सेबी अदाणी समूह की जांच कर रहा है। इन आरोपों के बीच सेबी में आंतरिक अशांति का माहौल बना और कर्मचारियों ने नेतृत्व पर खराब कार्य संस्कृति गढ़ने का आरोप लगाया। इससे पहले जुलाई में ईवाई की 26 वर्षीय कर्मचारी की कथित रूप से काम के दबाव से मौत हो गई थी। इस बात ने भी तमाम कंपनियों की कार्य संस्कृति पर बहस को जन्म दिया था।
जबरदस्त गतिरोध: सैमसंग के श्रीपेरुंबुदूर संयंत्र में एक बड़ी हड़ताल हुई। हड़ताल करने वाले कर्मचारी बढ़े हुए वेतन और यूनियन को मान्यता की मांग कर रहे थे। प्रबंधन पहले वेतन बढ़ाने को तैयार हो गया था लेकिन यूनियन को औपचारिक मान्यता की मांग के साथ कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी। 37 दिनों तक चली यह हड़ताल 16 अक्टूबर को समाप्त हुई। मद्रास उच्च न्यायालय ने 5 दिसंबर को तमिलनाडु सरकार को छह सप्ताह का समय दिया ताकि वह यूनियन की स्थिति तय कर सके।
उथलपुथल और उड़ान: विमानन कंपनी विस्तारा ने 11 नवंबर को अपनी आखिरी उड़ान भरी। 12 नवंबर को उसका एयर इंडिया में विलय हो गया। यह टाटा समूह का दूसरा विलय था। इससे पहले 1 अक्टूबर को एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट का विलय हुआ था। इस बीच जेट एयरवेज की लंबी कहानी का भी अंत हुआ और सर्वोच्च न्यायालय ने कंपनी बंद कर उसकी संपत्ति बेचने का आदेश दिया। इस साल विमानन कंपनियों को बम की 700 झूठी धमकियां मिलीं जिनके कारण देश भर में उड़ानें बाधित हुईं।
आईपीओ का वर्ष: वर्ष 2024 आईपीओ का साल रहा। स्थापित दिग्गजों और स्टार्टअप दोनों ने दलाल पथ का रुख किया। ह्युंडै ने भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया। स्विगी जैसी स्टार्टअप में भी निवेशकों ने काफी रुचि दिखाई। एसएमई के आईपीओ को भी बहुत अधिक बोलियां मिलीं।
तेजी का दौर: वैश्विक अस्थिरता और कारोबारी विवादों के बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ। एनएसई के सामने बुल की एक नई प्रतिमा का अनावरण किया गया। बिटकॉइन ने भी एक लाख डॉलर का स्तर पार किया। अमेरिका में सत्ता में डॉनल्ड ट्रंप की वापसी की भी इसमें भूमिका रही।
मेक इन इंडिया की उपलब्धि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने गुजरात के वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। यह देश में निजी क्षेत्र की पहली असेंबली लाइन है जहां सैन्य विमान बनाए जाएंगे। यह संयंत्र टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के परिसर में स्थित है। यहां एयरबस के साथ मिलकर 56 सी-295 विमान बनाए जाएंगे जिससे देश की रक्षा क्षमता मजबूत होंगी।
तकनीकी गड़बड़ी: क्राउडस्ट्राइक के एक गलत सिक्योरिटी अपडेट के कारण 19 जुलाई को दुनिया भर में लाखों माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पीसी बंद हो गए। इस गलती को छह घंटों के भीतर सुधार लिया गया लेकिन इसने काफी उथलपुथल पैदा की।
नाकाम सौदा: सोनी और जी समूह के बीच 10 अरब डॉलर का प्रस्तावित विलय पूरा नहीं हो सका क्योंकि सोनी समूह पीछे हट गया। इस तरह मीडिया क्षेत्र के एक बड़े समूह के निर्माण की योजनाओं पर विराम लग गया। बाद में एक कानूनी विवाद हुआ लेकिन अगस्त में दोनों पक्षों ने अपने दावे वापस ले लिए और विवाद समाप्त हो गया।
सी लिंक परियोजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई-ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन किया। यह देश का सबसे बड़ा समुद्री सेतु है। कुल 22 किलोमीटर लंबे इस पुल का 16.5 किमी हिस्सा समुद्र में और 5.5 किमी हिस्सा जमीन पर है। इसके बनने से मुंबई और नवी मुंबई के बीच सफर की अवधि घटकर 20 मिनट रह गई। 18,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना को जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी से मदद मिली थी।
पारिवारिक विवाद से बोर्ड रूम तक का संघर्ष: रेमंड समूह के प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया और उनकी पूर्व पत्नी नवाज मोदी की आपस की लड़ाई उस समय बोर्ड रूम में पहुंच गई जब नवाज मोदी को समूह की कई कंपनियों से निदेशक के पद से हटा दिया गया।
बदली कमान: 2024 में कई प्रमुख कॉरपोरेटऔर वित्तीय संस्थानों में नेतृत्व परिवर्तन देखने को मिला। संजय मल्होत्रा रिजर्व बैंक के गवर्नर बने। उन्होंने शक्तिकांत दास का स्थान लिया। सीएस शेट्टी ने भारतीय स्टेट बैंक की बागडोर संभाली और मनीष तिवारी को नेस्ले इंडिया में एमडी सुरेश नारायणन का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। वह 1 अगस्त, 2025 को पद संभालेंगे।