आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत एक करोड़ से अधिक पंजीकरण हुए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुताबिक अभी ये सेवाएं 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 2,600 स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं।
नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी आरसी शर्मा ने इस महत्त्वपूर्ण डिजिटल सेवा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एबीडीएम का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को आसान और समुचित ढंग से मुहैया करवाना है। ओपीडी केंद्रों पर स्कैन व शेयर सेवा आसान तकनीकी हस्तक्षेप है। इससे रोजाना एक लाख लोगों को अस्पताल की कतार में लगने से मुक्ति मिली है और उनके समय की बचत हुई है।
स्कैन और शेयर सेवा की शुरुआत अक्टूबर, 2022 को हुई थी। इसके तहत मरीज ओपीडी पंजीकरण के केंद्रों पर क्यूआर कोड को स्कैन करता है और अपने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते को तत्काल पंजीकरण के लिए पेश करता है। मरीजों की डिजिटल ओपीडी के टोकन बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है और इसने सर्वाधिक 37.5 लाख टोकन बनाए हैं। इसके बाद कर्नाटक (18.5 लाख टोकन) और जम्मू-कश्मीर (11.9 लाख टोकन) हैं।