आनेवाले सप्ताह में 150-200 निफ्टी प्वाइंट की हाई-लो रेंज वाले एक बड़े सत्र और सेटलमेंट वीक की उम्मीद।
गुरुवार को डेरिवेटिव बाजार में जबरदस्त बदलाव देखा गया, जब बाजार 4,370 अंकों के आसपास सपोर्ट लेवल पर था। इसके अलावा वॉल्यूम औसत रहा और साप्ताहांत मे बाजार के प्रति लोगों का रवैया मंदी वाला ही रहा।
सूचकांक रणनीति : गुरुवार को एफ एंड ओ 50,000 करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया। इसका कारण छोटे व्यापारियों द्वारा की गई जबरदस्त प्रॉफिट बुकिंग थी। हालांकि शुक्रवार को वॉल्यूम 40,000 करोड़ रुपये के पास आकर थोड़ा सा सामान्य जरूर हुआ, लेकिन ओपन इंट्रेस्ट में लगातार बढ़ोतरी होती रही।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कैश मार्केट और एफ एंड ओ में जमकर खरीदारी की । फिलहाल विदेशी संस्थागत निवेशकों का डेरिवेटिव आउटस्टैंडिंग के 39 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है, जो पिछले कुछ महीनों के उनके मार्केट शेयर से थोड़ा कम है। जिस समय विदेशी संस्थागत निवेशक ने जमकर बिकवाली की थी, उस समय उनकी डेरिवेटिव पोजीशन पिरामिड वाली रही थी।
जब विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़े पैमाने पर ऑप्शन एक्सपोजर लेना शुरू कर दिया उस समय इस बात का अहसास हुआ कि बिकवाली पैटर्न की उल्टी दिशा में जाने के कगार पर पहुंच गई है। इस वक्त ऑप्शन एक्सपोजर 33 प्रतिशत केकरीब है और अगर यह 35 प्रतिशत के उपर पहुंचता है तो उस स्थिति में मेरा मानना है कि कारोबारियों को निश्चित तौर पर जमकर खरीदारी करनी चाहिए।
यह सेटलमेंट वीक में हो सकता है और ऐसी हालत में अधिकांश ऑप्शन एक्सपोजर जुलाई इंस्ट्रूमेंट में होंगे। जुलाई के महीनों में कैरीओवर निफ्टी ऑप्शन पोजीशन के आसपास तर्कसंगत है। गौरतलब है कि ज्यादा अपेक्षा रखना नकारात्मक सोच का परिचायक हो सकता है। वीआईएक्स 30 के ऊपर चला गया है जो खतरे का संकेत दे रहा है। अधिकांश इंडेक्स फ्यूचर्स का करोबार स्पॉट वैल्यू पर बड़ी छूट के साथ हो रहा है।
उदाहरण के लिए निफ्टी जून और जुलाई के महीनों में क्रमश: 4,484 और 4,475 के आसपास रहता है और यह 4,517 पर बंद होता है। सीएनएक्स जिसे पिछले सप्ताह 5 प्रतिशत की ज्यादा की हानि हुई,वह इन स्पॉट 4,223 रहा और जून में यह 4,271 के पर जा टिका। जूनियर स्पॉट वैल्यू के मुकाबले मार्जिनली कम रहा जबकि मिडकैप 50 में लिक्विडिटी नहीं के बराबर थी और यह स्पॉट के ऊपर जाकर स्थिर हुआ।
उधर रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी केबाद बैंक निफ्टी पर सब की नजर टिकी होगी। गौरतलब है कि पिछले छह महीनों में यह सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और जनवरी के अपने ऑपनिंग वैल्यू से अब तक इसे 40 प्रतिशत का घाटा हुआ है जबकि इसकी तुलना में बैंक निफ्टी 28 प्रतिशत तक कम हुआ है। पिछले सप्ताह इसे फिर 2 प्रतिशत की हानि हुई लेकिन रेपो रेट में बढ़ोतरी के साथ इसकी स्थिति में सुधार आया है।
स्पॉट में लगातार मिल रहे बड़े डिस्काउंट से इस बात का इशारा मिलता है कि बाजार में गिरावट की आशंका अधिक है। लेकिन ऑप्शन पुट-कॉल-रेशियो पर नजर डाली जाए तो इस बात के संकेत मिलते हैं कि बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हुई है। कुल मिलाक र देखें तो पीसीआर रेशियो 1 है जबकि बैंक निफ्टी ओपन इंटरेस्ट के हिसाब से देखें तो यह जून के ऑप्शन के लिए 1.7 है।
आउटस्टैंडिंग पोजीशन पर नजर डालें तो यह स्पष्ट तौर पर बाजार की स्थिति को दर्शाता है। आनेवाले सप्ताह में कम से कम एक बड़े सत्र की उम्मीद तो की जा सकती है और अगले सत्र की उम्मीद 150-200 निफ्टी प्वाइंट के साथ सेटलमेंट वीक में की जा सकती है। इस बात का इशारा वीआईएक्स के अलावा विभिन्न इंडेक्स हैवीवेट स्टॉक के कारोबारी पैटर्न से मिलता है। निफ्टी ऑप्शन मार्केट में स्पॉट से हट के कारोबार करना ज्यादा फायदेमंद होगा।
बाजार में इतनी अनिश्चितता है कि स्पॉट से 200 अंक हटकर कारोबार काफी फायदेमंद हो सकता है। एक लांग 4,600 सी की कीमत 59.85 है जबकि 4,700सी की कीमत 30.8 और बुलस्प्रेड पर आनेवाली कुल लागत 29 होगी जबकि अधिक से अधिक पेऑफ 71 है। पुट्स की बात करें तो 4,500पी, 4,400पी और 4,300पी मुख्य भूमिका निभाने की स्थिति में हैं। एक लांग 4,500 पी और शॉर्ट 4,400 पी का समिक्ष्रण की कीमत अधिक से अधिक 37 है और इसमें रिटर्न मिलने की संभावना 63 है।