facebookmetapixel
Torrent Power Q2 results: मुनाफा 50% बढ़कर ₹741.55 करोड़, रिन्यूएबल एनर्जी से रेवन्यू बढ़ाFY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तार

व्यावसायिक वाहनों के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्रीमियम दर बढ़ी

Last Updated- December 07, 2022 | 3:46 AM IST

व्यावसायिक वाहनों के मालिक को थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस कवर के लिये अब पहले की तुलना में अधिक प्रीमियम अदा करना पड़ सकता हैं।


वित्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कम्पनियों को इन थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी को उनके मालिकों को बेचने से 122 फीसदी का लॉश रेशियो उठाना पड़ा।

इसका मतलब कि 100 रुपये की प्रीमियम पर क्लेम आउटगो 122 रुपये रहा । इंश्योरेंस करने बाली कम्पनियों की मांग रही है कि कॉमर्शियल वाहनों के मामले में थर्ड पार्टी मोटर की प्रीमियम दर के लिये करीब 25 फीसदी अपवर्ड रीविजन किया जाय। इसके पीछे कुछ घरेलू कारक जैसे- मंहगाई, बढ़ती आय,बढ़ता प्रबंधन खर्च है जिसको ध्यान में रखकर प्रीमियम दर तय किया जाता है।

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल के एन भंडारी के मुताबिक थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के लिये इंट्रोडयूसिंग फैसिलिटी सेवा प्रदाता की मांग बढ़ने के कारण आने वाले दिनों में खर्च में बढ़ोतरी होगी। उल्लेखनीय है कि मोटर वाहन एक्ट के अंतर्गत व्यावसायिक वाहनों के मालिक के लिये थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य होता है।

इस इंश्योरेंस के अंतगर्त मृत्यु, शारीरिक चोट और थर्ड पार्टी के बीमा किये गये सम्पत्ति के अलावा भी एक सीमा तक नुकसान को कवर किया जाता है। इस पॉलिसी के अंतगर्त इंश्योर्ड फर्स्ट पार्टी,इंश्यूरेंस कम्पनी सेकेण्ड पार्टी और दूसरे सभी को थर्ड पार्टी की तरह स्वीकारा गया है। इस इंश्योरेंस के जरिये वाहन से दुर्घटना की स्थिति में कानूनी अड़चनों से भी राहत पाया जा सकता है।

थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस  बिजनेस हमेशा इंश्योरेंस कवर करने बाली कम्पनियों के लिये घाटे का सौदा रहा है। साल भर पहले तक तो यह इंश्योरेंस ज्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कम्पनियों द्वारा ही किया जाता था। अप्रैल 2007 में इंश्योरेंस  रेगुलेटरी डेवलपमेंट ऑथिरिटी (आईआर-डीए) ने सभी इंश्योरेंस कम्पनियों को निर्देश दिया कि वे  व्यावसायिक वाहनों की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के मामले में नयी व्यवस्था करें।

इस संदर्भ में व्यवस्था की गई कि मोटर पुल के जरिये किया जाने बाला बिजनेस इंश्योरेंस कम्पनियों के बीच उनके कुल मार्केट शेयर के अनुपात में होगा। साथ ही (आईआरडीए) ने कॉमशियल वाहनों के लिये  प्रीमियम दर को भी 70 फीसदी तक बढ़ाया था। भंडारी बताते हैं कि मोटर पुल के चलतेक्लेम रेशियो का 122 फीसदी रहना यह साबित करता है कि थर्ड पार्टी कवर के लिये प्रीमियम दर में की गई बढ़ोतरी अपर्याप्त है।

उन्होंने बताया कि 29 फरबरी तक 1600 क्लेम मोटर पुल के सामने आये साथ ही भविष्य में और भी क्लेम आने की आशंका जतायी गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक,मोटर पुल में 2400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा प्रीमियम है। खुद के नुकसान और थर्ड पार्टी कवर के लिये टैरिफ सलाहकार परिषद द्वारा एक समान दर निर्धारित किया गया था।

इंश्योरेंस कम्पनियों के द्वारा इसके डिटैरिफिंग से खुद के नुकसान की स्थिति में प्रीमियम दर में 40 फीसदी की कटौती की गयी, जबकि व्यावसायिक  वाहनों के लिये थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्रीमियम दर में 70 फीसदी का इजाफा किया गया ।

First Published - June 5, 2008 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट