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मौजूद है एक सस्ता विकल्प

Last Updated- December 07, 2022 | 11:45 PM IST

त्योहारों के दौरान ही कई लोग अपने घर की मरम्मत या छोटे-मोटे सुधार कराना चाहते हैं। और बैंक और हाउसिंग फाइनैंस कंपनिपयां (एचएफसी) ऐसी सुविधाएं देने के लिए तैयार भी हैं।


इस तरह के कर्ज आवासीय ऋण की श्रेणी में आते हैं, बेशक फिर इसकी रकम काफी छोटी होती है। इसके तहत, आप घर की मरम्मत, सुधार और मौजूदा घरफ्लैट को बढ़ाने के लिए कर्ज ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए पहले से ही कुछ अहम दस्तावेजों को संभालने की जरूरत पड़ती है, ताकि कर्ज लेने के वक्त सब आसानी हो जाए।

जो अभी कर्ज लेने के बारे में सोच रहे है, एक प्रमाणित सिविल ठेकेदार या इंजीनियर या आर्किटेक्ट से प्रस्ताव मंगा लें। बैंक से स्वीकृति लेने के लिए इस प्रस्ताव को जरूर जमा करें। इस प्रस्ताव को बैंक का अपना विभाग जांचेगा, जिसके अधिकारी कई मामलों में खुद संभावित कर्जदार के घर जाकर परिस्थितियों का आकलन करते हैं कि वाकई इस तरह के बदलावों की जरूरत है या नहीं। इस पर अनुमति मिलते ही कर्ज दे दिया जाएगा।

ये कर्ज आवासीय ऋण के जैसे ही होता है। 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले वे लोग जिनके पास निश्चित आय स्रोत है, वे यह कर्ज ले सकते है। लेकिन कर्र्ज की राशि हर बैंक की अलग-अलग है। जहां ग्राहक को मिलने वाले इस कर्ज के लिए अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है, इस कर्ज?की असली रकम कर्जदार की पुनर्भुगतान की क्षमता, आय, उम्र और पुनर्भुगतान के इतिहास पर निर्भर करती है।

आमतौर पर इस तरह के कर्ज के लिए आवेदन करते हुए आपको परियोजना की कुल लागत का 20 से 30 प्रतिशत प्रारंभिक भुगतान करना होगा। बैंक परियोजना खर्र्च के बचे हुए पैसे बतौर कर्ज देता है। साथ ही मूल नियम के अनुसार अगर कोई कर्ज बकाया है तो परियोजना की कुल लागत घर की कुल कीमत के 45 से 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

साथ ही अगर आपने पहले से ही आवासीय ऋण लिया हुआ है तो आपको उस ही बैंक के पास जाना चाहिए, क्योंकि उससे कम से कम दस्तावेज देने पड़ेंगे। इस मामले में बैंक इस तरह के कर्ज को अतिरिक्त टॉप-अप कर्ज की तरह मानते हैं। इसलिए घर की मौजूदा बाजार कीमत और वापस किए जाने वाली कर्ज की राशि के आधार पर बैंक ऐसी राशि का फैसला लेता है, जिसे दिया जा सके।

उदाहरण के लिए, अगर घर की मौजूदा कीमत 50 लाख रुपये है और 25 लाख रुपये का कर्ज अभी बकाया है, ऐसे में ज्यादातर बैंक आपको घर की मरम्मत के लिए 10 लाख रुपये तक का कर्ज दे सकते हैं। इस कर्ज के लिए सबसे पहली शर्त है कि परिसंपत्ति कर्ज लेने वाले के नाम पर होनी चाहिए।

बतौर सिक्योरिटी बैंक मरम्मत किए जाने वाली आपकी परिसंपत्ति को मॉर्गेज रखने पर जोर देगा। अगर संभावित कर्जदार पहले ही उसी बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी आवासीय ऋण लिया हुआ है, उस व्यक्ति को उसी बैक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी से ही मरम्मत के लिएकर्ज लेना चाहिए।

यह इसलिए क्योंकि घर के असली कागजात उस बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी के पास हैं, जिन्हें पहले कर्जदाता से कर्ज के पूरे पुनर्भुगतान से पहले किसी अन्य बैंक या फिर हाउसिंग फाइनैंस कंपनी को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। अगर यह टॉप-अप कर्ज है तो ब्याज दर 1 से 2 प्रतिशत अधिक हो सकती है।

फिर भी यह निजी कर्ज से बेहतर विकल्प है। आप ये कर्ज 1 से 15 वर्ष तक कि कितनी भी अवधि के लिए ले सकते हैं, जिनका पुनर्भुगतान आप बराबर मासिक किस्तों (ईएमआई) के जरिये कर सकते है। कई बैंक मरम्मत और सुधार का काम खत्म होने के बाद 6 से 18 महीने का विलम्ब काल का समय भी देते हैं।

इस कर्ज पर कर्ज की कुल राशि के 0 से 2 प्रतिशत प्रोसेसिंग चार्ज लगाया जा सकता है। कर्ज के जल्दी पुनर्भुगतान पर 1 से 2 प्रतिशत तक जुर्माना लगता है।

वेतन के ब्योरे या आमदनी के प्रमाण के अलावा कर्जदाता इन दस्तावेजों की भी मांग करते हैं:

घर के स्वामित्व के प्रमाण
अनुमानित व्यय
अनुमानित व्यय का पूरा ब्योरा, जिसे प्रमाणित आर्किटेक्ट या अन्य संबंधित व्यक्ति से मंजूरी मिली हो।
मंजूरी मिली हुई सुधार के साथ नई भवन योजना
मूल्यांकन प्रमाण
कर्ज लेनदार को यह मालूम होना चाहिए कि उसे इस कर्ज के ब्याज पुनर्भुगतान पर कर में लाभ भी मिलेगा। इसमें आवासीय ऋण की तरह मूलधन और ब्याज दोनों पर कर में लाभ नहीं मिलेगा।

First Published - October 13, 2008 | 12:59 AM IST

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