शेयर बाजार में बीते शुक्रवार को थोड़ा उछाल देखा गया था। इससे पहले यानी गुरुवार को शेयर बाजार में काफी उठा
सप्ताह–दर–सप्ताह इसमें 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, गुरुवार को निफ्टी 4,580 अंक पर बंद हुआ था, लेकिन सप्ताह के अंत तक यानी बाजार बंद होने तक निफ्टी थोड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 1.34 फीसदी नीचे आकर 15,760 अंक पर बंद हुआ। इसके अलावा डिफ्टी में भी थोड़ी गिरावट दर्ज की गई।
शेयर बाजार के विस्तार सूचक की स्थिति काफी कमजोर बने रहें। इससे अलावा
, बीते सप्ताह के अंत तक शेयर बाजार के मुख्य बाजार सूचकांक भी घाटे में रहें। लिहाजा, जूनियर में जहां 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज कीर् गई, वहीं मिड–कैप में 1.65 फीसदी की गिरावट आंकी गई।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज 500 में भी 1.48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। पहले की तरह ही वॉल्यूम में कमजोरी छाई रही। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) हर बार की भांति शुध्द विक्रेता साबित हुए। बीते सप्ताह भारतीय फंड भी विक्रेता बने रहें।
दृष्टिकोण
इस सप्ताह शेयर बाजार
4,600-5,000 के ट्रेडिंग जोन के बीच कारोबार कर सकता है। शेयर बाजार में होने वाले उथल–पुथल के मद्देनजर दिन–भर में 200 अंक का उतार–चढ़ाव हो सकता है। अगर शेयर बाजार 4,600 अंक से नीचे बंद होता है तो इसकी पूरी संभावना है कि शेयर बाजार 4,200 के आधार अंक तक पहुंच जाए।
तर्क
अगर बीते सप्ताह के शेयर बाजार सूचकांक पर नजर डालें तो निफ्टी
4,575-4,600 अंक पर बंद हुआ था। लिहाजा, इसमें थोड़ा उछाल देखा गया था। आने वाले दिनों में भी रेंज–ट्रेडिंग का स्वरूप बना रह सकता है। क्योंकि यहां 4,600 अंक पर जोरदार समर्थन दिखाई पड़ रहा है। शेयर बाजार में 4,900 अंक का मजबूत रेजिंसटेंस है।
उलट नजरिया
इसमें कोई शक नहीं कि इस वक्त शेयर बाजार में ज्यादा बिकवाली रही। इस लिहाज से आने वाले दिनों में भी शेयर बाजार में लगातार मंदरिये बना रह सकता है। इस लिहाज से शेयर बाजार मुश्किलों के दौर से गुरजता रहेगा।
अगर गत
10 जनवरी से बीते सप्ताह बाजार बंद होने तक के सूचकांक पर नजर डालें तो एक लंबे अरसे से बाजार में मंदरिये बना हुआ है। इसमें कोई शक नहीं कि लगातार मंदरिये बने रहने से बाजार में शुध्द लाभ कमाने वालों की तुलना में घाटा सहने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।
तेजड़िये और मंदड़िये
बीते सप्ताह बाजार का हाल बेहाल बना हुआ था। अधिकांश सेक्टरों में स्थिति काफी कमजोर बनी रही। बीते सप्ताह के अंत तक शेयर बाजार में रीयल एस्टेट की हालत पतली बनी हुई थी। हालांकि पैनिनसुएला लैंड ने थोड़ी
–बहुत अपनी स्थिति मजबूत करने में सफलता हासिल की। इसके अलावा, पीएसयू रिफाइनस को भी खासे नुकसान का सामना करना पड़ा। ऑटो सेक्टर के शेयरों में (बजाज ऑटो को छोड़ कर) फरवरी के मुकाबले थोड़ी नरमी देखी गई।
अगर एडीएजी, आरएनआरएल, रिलायंस कैपिटल और आरकॉम की बात करें तो, इन सभी ने अधिक से अधिक वॉल्यूम उत्पन्न किए हैं, लेकिन इसके बावजूद इनकी कीमतों ने जमीन ही छूआ है। बीते सप्ताह यानी शेयर बाजार के बंद होने तक देश के अधिकांश बैंकों का हाल खस्ता बना हुआ था। लेकिन इसके इतर, एक्सिस और कॉरपोशन बैंक को शेयर बाजार में ज्यादा नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा। विभिन्न फार्मा कंपनियों के शेयरों, उदाहरण के लिए निकोलॉज, रैनबैक्सि, सन फार्मा और स्टर्लिंग बॉयोटेक आदि ने रक्षात्मक रवैया अपनाए हुए थे।