अभियांत्रिकी क्षेत्र की विख्यात कंपनी सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर आज विद्युत
इसने जनवरी, 2008 में 9150 करोड़ रुपये का ऑर्डर दर्ज किया जो वित्तीय वर्ष 2007 के अपने राजस्व से 5.35 गुना अधिक है। कंपनी मौजूदा समय में खनन, ऑनशोर ड्रिलिंग और पावर टीएेंडडी सेगमेंट में अपना ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे कंपनी के लाभ में तेज वृद्धि होने की संभावना है।
हाल तक कंपनी अभियांत्रिकी पर ध्यान केंद्रित करती रही है। यह कंपनी एक प्रमुख कंपनी के रूप में उभरने को लेकर प्रतिबद्ध है। मौजूदा ऑर्डर में इस सेगमेंट की
3 प्रतिशत की भागीदारी है। पिछले कुछ वर्षों में सिम्पलेक्स ने मैरीन जैसे अन्य निर्माण सेगमेंट में भी अपना दबदबा बढ़ाया है।
इसके तहत कंपनी ने विभिन्न बंदरगाह परियोजनाओं में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन बंदरगाह परियोजनाओं में अदानी, हल्दिया, चेन्नई, पारादीप, कोच्चिं और विशाखापत्तनम शामिल हैं। हाल ही में सिम्पलेक्स ने मेयर्स्क के लिए एक टर्मिनल जेएनपीटी पर पूरा किया है जो भारत में सबसे बड़ा टर्मिनल है।
कंपनी अधिक लाभ वाली परियोजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। इन परियोजनाओं में रेलवे
, पुल और एलीवेटेड रोड कॉरिडोर के साथ–साथ मेट्रो रेल से संबद्ध परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी ने हाल ही में मुंबई मेट्रो के पहले चरण के लिए 406 करोड़ रुपये का ठेका हासिल किया है जिसमें वरसोवा और घाटकोपर के बीच 10.7 किलोमीटर का एलीवेटेड कोरिडोर भी शामिल है।
शहरी ढांचा क्षेत्र में भी कंपनी कई परियोजनाओं को अंजाम दे रही है। इन परियोजनाओं में उदयपुर और जयपुर हवाई अड्डों और विशाल खेल परिसरों, जल आपूर्ति और सीवेज से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी देश में बढ़ते पूंजीगत खर्च से लाभान्वित हो रही है और यह औद्योगिक निर्माण सेगमेंट में एक प्रमुख कंपनी के रूप में पहचान बना चुकी है।
इसमें तेल एवं गैस (रिलायंस की जामनगर शोधन परियोजना और कई ताप विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं), विद्युत, धातु, सीमेंट, वस्त्र और रसायन जैसे क्षेत्रों में कंपनियों के संयंत्रों का निर्माण भी शामिल है। मौजूदा ऑर्डर के लगभग 1637 करोड़ रुपये (17.9 प्रतिशत) पर औद्योगिक सेगमेंट की भागीदारी है और दिसंबर, 2007 में समाप्त हुई तिमाही में इसने बिक्री में 35 प्रतिशत का योगदान दिया।
भवन निर्माण के लिए सिम्पलेक्स के
2342 करोड़ रुपये के ऑर्डर में आवासीय और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए बहुमंजिला टावर, आवासीय कॉलोनियां और सस्ते सामूहिक आवास शामिल हैं। मौजूदा समय में कंपनी इस सेगमेंट में लगभग ढाई करोड़ वर्ग फुट के क्षेत्र पर परियोजनाएं कार्यान्वित कर रही है।
खुदाई क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को ध्यान में रख कर कंपनी ने संयुक्त उपक्रम के जरिये ऑन
–शोर ड्रिलिंग सेगमेंट में प्रवेश किया है। यह संयुक्त उपक्रम ठेके के कार्यान्वयन के लिए मानव श्रम और तकनीकी विशेषज्ञता मुहैया कराएगा। इस संयुक्त उपक्रम ने ऑयल इंडिया के लिए हाल ही में रिग शुरू किया है जो दो वर्षों की अवधि के लिए है। इस रिग की क्षमता 16000 डॉलर प्रति दिन की है। कंपनी 22000-24000 डॉलर प्रतिदिन वाले दो अन्य रिग के लिए बातचीत कर रही है।
वैश्विक भागीदार
कंपनी कतर और संयुक्त अरब अमीरात
(यूएई) जैसे वैश्विक बाजारों में भी अपनी उपस्थिति कायम कर चुकी है। इसके परिणामस्वरूप कंपनी के वैश्विक कारोबार में तेज वृद्धि दर्ज हुई है। दिसंबर, 2007 को समाप्त हुई तिमाही में इसने अपनी वित्तीय भागीदारी को बढ़ा कर 15 प्रतिशत कर लिया। यह शेयर भागीदारी वर्ष 2005 की 4 प्रतिशत थी।
कंपनी के संचालन लाभ में साल दर साल तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष
2003 में इसका संचालन लाभ 7.3 प्रतिशत था जो वित्तीय वर्ष 2005 में 8.2 प्रतिशत हो गया और वित्तीय वर्ष 2007 में 10.1 प्रतिशत पर जा पहुंचा। आज कंपनी विभिन्न सेगमेंट की कई परियोजनाओं में सक्रिय है जिससे इसके लाभ में तेज वृद्धि हो रही है। इसने घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में भी अपनी भागीदारी बढ़ाई है।
मूल्यांकन
भारी
–भरकम ठेके की वजह से आगामी दो वर्षों में कंपनी के लाभ में तेज बढ़ोतरी होने की संभावना है। निवेशक इस बाजार में निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं और अच्छे लाभ की संभावना तलाश सकते हैं।