रिजर्व बैंक द्वारा सहारा को दी गई राहत का निवेशकों समेत बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने स्वागत किया है।
रिजर्व बैंक द्वारा दी गई ताजा राहत के तहत सहारा इंडिया फाइनेंसियल कार्पोरेशन लि. यानि एसआईएफ सीएल को तीन साल की मेच्योरिटी वाले डिपॉजिट लेने की अनुमति दी गई है।
पिछली चार जून को ही रिजर्व बैंक ने सहारा इंडिया फाइनेंसियल कार्पोरेशन लि पर डिपॉजिट लेने पर रोक लगा दी थी। रिजर्व बैंक द्वारा अपना फैसला 15 दिन के अंदर ही बदले जाने पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का मानना है कि रिजर्व बैंक को यह मसला बेहतर तरीकेसे डील करना चाहिए था। इस संबंध में सिडबी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर एसआईएफसीएल पर लगा प्रतिबंध यदि लागू हो जाता तो फिर कंपनी भुगतान करने के मामले में डिफॉल्ट कर सकती थी।
लिहाजा,आरबीआई द्वारा सहारा को दिया गया राहत निवेशकों के लिए एक शुभ संकेत है। जबकि यह किसी भी कंपनी के लिए एक मुश्किल खड़ी कर सकता है कि जब उसकी पूंजी के स्रोत को ही बुरी तरह जब्त कर लिया जाए। बहरहाल,अब कंपनी और ज्यादा सतर्क बनेगी और तरलता संबंधी मसलों को सावधानी से हल करने की कोशिश करेगी।
आरबीआई के हालिया कदम से 4 करोड़ से ज्यादा के निवेशकों में जारी अनिश्चितता के दौर पर लगाम लगेगी जिन्होने सुब्रतो रॉय द्वारा प्रोमोटेड नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानि एनबीएफसी में पैसा निवेश किया था। इस संबंध में देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के जनरल मैनेजर का कहना है कि सहारा अब निश्चित तौर पर राहत की सांस ले रहा होगा।
मेरी समझ में इस वक्त किसी भी एनबीएफसी पर अचानक रोक लगाना सही कदम नही होगा,क्योंकि रोक लगाने का मतलब है कई जटिल औपचारिकताओं को न्यौता देना जिसमें लोगों के जमा रकम पर असर पड़ सकता है। लेकिन अब इस नए फैसले के बाद लोगों की जमा रकम सुरक्षित है।
रिजर्व बैंक द्वारा सहारा को राहत दिए जाने पर सहारा के प्रवक्ता अभिजीत सरकार का कहना है कि कंपनी को अपने सबसे बड़े वितरण नेटवर्क और सबसे मजबूत एवं समर्पित फील्ड फोर्स पर गर्व है जिन्होनें अनिश्चतता के दौर में भी कंपनी का साथ दिया एवं कंपनी के साथ बने रहे। आगे उन्होने कहा कि कंपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है साथ ही प्राकृतिक न्याय में हमारी पूरी आस्था है। हम आदेश के सही अर्थ के साथ निश्चित तौर पर जाएंगे।
मालूम हो कि 4 जून को आरबीआई ने सहारा के पब्लिक डिपॉजिट्स लेने पर पाबंदी इस आधार पर लगा दी थी कि यह निर्धारित मानकों को सही तरह पालन करने में नाकाम रहा है। लेकिन बाद में नियामक ने अपने पहले के फैसले को बदलते हुए सहारा को राहत देने का फैसला किया। इस बीच सहारा को 16 अगस्त तक अपना कंप्रीहेंसिव बिजनेस प्लान को जमा करने का आदेश मिला है।