facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

रकम के उपयोग पर नजर रखने के लिए बने साझा तंत्र: SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी

सीएस शेट्टी ने सेबी संगोष्ठी में एसएमई द्वारा जुटाए गए फंड के सही उपयोग के लिए संस्थागत निगरानी की वकालत की

Last Updated- January 10, 2025 | 10:41 PM IST
SBI chairman Setty

देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) द्वारा डेट और इक्विटी के माध्यम से एकत्र किए गए धन के इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए एक साझा तंत्र बनाने की वकालत की है, जिससे ऋणदाताओं और निवेशकों को मूल्य निर्धारण अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहूलियत हो।

स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रतिभूति बाजार पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए (वर्चुअली) कहा, ‘हमें इन निधियों के वास्तविक उपयोग पर नजर रखने के लिए एक व्यावहारिक तंत्र की जरूरत होगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि फंड का उपयोग उन्हीं उद्देश्यों के लिए किया जाए, जिनके लिए उन्हें हासिल किया गया है।’

उन्होंने कहा कि सभी हितधारक बाजार बुनियादी ढांचे के लिए एक अलग संस्थान स्थापित कर सकते हैं, जिसके पास उधार ली गई धनराशि या इक्विटी से जुटाई गई धनराशि के उपयोग पर नज़र रखने का अधिकार हो। बैंकरों ने कहा कि छोटी इकाइयों का प्रबंधन ज्यादातर व्यक्तिगत रूप से या परिवारों द्वारा किया जाता है। ऐसे में व्यवसाय और घरेलू उद्देश्यों के लिए खातों के संचालन में अंतर अक्सर बहुत मामूली होता है। इससे धन के इधर उधर इस्तेमाल के बारे में सवाल उठते हैं।

First Published - January 10, 2025 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट