इस फंड की शैली को मात देना मुश्किल है। जरा विचार कीजिए। यह फंड छोटी कंपनियों में निवेश करने के लिए आक्रामक रुख अपनाती है लेकिन यह सुनिश्चित करते हुए कि इसके पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा अपेक्षाकृत बड़े मिड
फंड प्रबंधक पोर्टफोलियो का अधिक मंथन नहीं करते और नए शेयरों को आजमाते हैं। वह औरों से अलग हट कर अपने भरोसे के आधार पर काम करते हैं। इसके बावजूद यह फंड उच्च विविधीकरण के राह पर है।फिलहाल इस फंड के पोर्टफोलियो में
55 स्टॉक है जो पहले के 40-45 के दायरे से अधिक हैं।
फरवरी महीने के पोर्टफोलियो के अनुसार किसी भी स्टॉक की हिस्सेदारी परिसंपत्ति में 4.3 प्रतिशत से अधिक नहीं थी। लेकिन प्रतिफल को देखते हुए ऐसा लगता है कि फंड प्रबंधक यह जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।
पिछले तीन वर्षों में बिड़ला मिड–कैप ने अपने वर्ग में शीर्ष तिमाही स्थान को बरकरार रखने के लिए 35.81 प्रतिशत का एनुअलाइज्ड प्रतिफल दिया है (11 फरवरी 2008 के अनुसार)। पिछले 24 महीनों के दौरान इसके चार सितारा रेटिंग में कभी कमी नहीं आई है।
अन्य मिड–कैप फंडों की तुलना में छोटा होते हुए भी (745 करोड़ रुपए) यह एक स्मार्ट पेशकश है। पिछले 12 महीने में इसके कोष में हुई वृध्दि (228 करोड़ रुपए से) पोर्टफोलियो के विविधीकरण का एक कारण है।
सारांश यह है कि खासतौर से विशाखण की राशि और जिस प्रकार के मिड–कैप में यह निवेश करता है उसे देखते हुए बिड़ला मिड–कैप फंड ज्यादा आक्रामक होने के गुण–धर्मों का प्रदर्शन नहीं करता है। यह संभवत: उतना सुरक्षित है जितना कि एक मिड–कैप के मामले में होना चाहिए। मिड–कैप फंडों में निवेश करना एक आदर्श विकल्प है अगर आप दीर्घावधि के निवेशक हैं।