भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा डॉलर की बिक्री के जरिये विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने से आज रुपया 26 पैसे मजबूत होकर प्रति डॉलर 82.95 रुपये पर टिका। डीलरों ने यह जानकारी दी।
येस सिक्योरिटीज के रणनीतिकार (संस्थागत इक्विटी अनुसंधान) हितेश जैन ने कहा हमें शक है कि आरबीआई ने आज हस्तक्षेप किया है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने मुद्रा के मामले में कभी भी सुविधाजनक स्तर की घोषणा नहीं की है, लेकिन 83 से 83.5 ऐसा स्तर लगता है, जहां आरबीआई ने हाल के दिनों में लगातार हस्तक्षेप किया है। दो से तीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट इसकी पुष्टि करती है।
शुक्रवार को रुपये में 0.32 प्रतिशत तक की मजबूती आई और इसने 14 जून के बाद दिन के कारोबार में तीन महीने की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है। हालांकि इस सप्ताह के दौरान रुपये में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
गुरुवार को रुपया प्रति डॉलर 83.21 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था, क्योंकि चीन में मंदी के संबंध में लगातार चिंताओं तथा अमेरिका में दरों में और बढ़ोतरी की संभावना ने निवेशकों के मस्तिष्क पर भारी असर डाला था।
डीलरों ने कहा कि महत्वपूर्ण घरेलू संकेतों की कमी के कारण साप्ताहिक सरकारी बॉन्ड की नीलामी में मांग उम्मीद से कम रही। वृद्धिशील नकदी आरक्षित अनुपात के संबंध भारतीय रिजर्व बैंक की समीक्षा से पहले बाजार के भागीदारों ने सतर्कता बनाए रखी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच वर्षीय, 10 वर्षीय और 30 वर्षीय बॉन्ड पर कट-ऑफ प्रतिफल क्रमशः 7.19 प्रतिशत, 7.16 प्रतिशत और 7.34 प्रतिशत निर्धारित किया है।