भारतीय रिजर्व बैंक ने स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर्स (SPD) को अपनी मूल कंपनी और उन्हें अधिकृत करने वाली इकाइयों से विदेशी मुद्रा उधारी लेने की शुक्रवार को अनुमति दी। वे कारोबार के संचालन के लिए नॉस्ट्रो (Nostro) खाते में ओवरड्राफ्ट की सुविधाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
घरेलू बैंक किसी दूसरे देश में संबंधित विदेशी मुद्रा में नॉस्ट्रो बैंक खोलता है। इस क्रम में यूरो में कारोबार करने वाले SPD लेन देन के निपटान के लिए यूरोपीय यूनियन के बैंक में खाता खोलते हैं। SPD के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस नियामकीय घोषणा से विदेशी विनिमय कारोबार के लिए फंड का इंतजाम करने में मदद मिलेगी। दरअसल, आरबीआई ने 31 मार्च 2023 तक 7 SPD को NBFC के तौर पर पंजीकृत किया है।
आरबीआई ने जोखिम प्रबंधन के मानदंडों और इंटर बैंकिंग डील के मानदंडों के अनुरूप SPD को भी शामिल किया है जिससे वे विदेशी मुद्रा के उत्पादों में शामिल हो सकें। SPD को 2018 में अधिकृत किया गया था ताकि वे ग्राहकों को विदेशी उत्पाद मुहैया करा सकें। इन ग्राहकों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी शामिल हैं। SPD को अधिकृत डीलर श्रेणी – 3 में वर्गीकृत किया गया है। उनके विदेशी मुद्रा उत्पादों में गैर प्रमुख गतिविधियां भी शामिल होंगी।
SPD के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस बारे में विचार विमर्श हुआ था। यह मूलत: प्राथमिक डीलरों के विेदेशी मुद्रा संचालन और उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए है।’
विदेशी मुद्रा की उधारी अनिवार्य रूप से चुनिंदा सीमा के तहत हो। इस क्रम मं पांच दिनों में अतिरिक्त निकासी की सूचना अनिवार्य रूप से आरबीआई को दी जाए।
सीमा से अधिक निकासी होने की जानकारी संबंधित महीने के 15 दिनों के अंदर दी जानी चाहिए। आरबीआई ने कहा कि यदि मूल्य की तारीख में इंतजाम किए जाते हैं तो रिपोर्टिंग की जरूरत नहीं है।
प्राथमिक डीलरशिप के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘स्टैंड एलोन प्राइमरी डीलरों को विदेशी मुद्रा में बोली लगाने की अनुमति दी और विदेशी मुद्रा निपटान में सफलता नहीं मिलती है तो मूल कंपनी कोष मुहैया करवा सकती है। लिहाजा यह अनुमान के अनुरूप हुआ।’
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में सालाना आधार पर SPD का कोष जुटाना बढ़कर 44.4 प्रतिशत हो गया। SPD के आधार जुटाने का प्रमुख स्रोत उधारी जुटाना था और यह उनकी कुल उधारी का 90.3 प्रतिशत था।
विदेशी मुद्रा के जोखिम के लिए पूंजीगत शुल्क की गणना के लिए अधिकृत डीलरों का बोर्ड नेट ओवरनाइट ओपन पोजिशन लिमिट (एनओओपीएल) तय कर सकता है। हालांकि ऐसी सीमा डीलरों की कुल पूंजी (टीयर-1 और टीयर-2 पूंजी) के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा, आरबीआई ने काउंटर पर किए गए विदेशी मुद्रा डेरिवेटिन अनुबंधों और विदेशी मुद्रा ब्याज दर डेरिवेटिव अनुबंधों को क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के ट्रेड रिपॉजिटरी में रिपोर्ट करने के निर्देश को अपडेट किया है।