facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

RBI को मिला नया गवर्नर! संजय मल्होत्रा लेंगे शक्तिकांत दास की जगह

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है।

Last Updated- December 09, 2024 | 7:14 PM IST
RBI Governor Sanjay Malhotra

केंद्र सरकार ने सोमवार को संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया। मल्होत्रा वर्तमान में राजस्व विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वह 11 दिसंबर 2024 से शक्तिकांत दास की जगह यह पद संभालेंगे। RBI के गवर्नर के रूप में उनका कार्यकाल तीन साल का होगा।

संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स किया है। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें REC लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर और वित्तीय सेवाओं के सचिव शामिल हैं।

दिसंबर 2022 में मल्होत्रा ने राजस्व सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके अलावा, अप्रैल 2023 में उन्हें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया।

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को हो रहा समाप्त

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। उनकी छह साल की अवधि में आरबीआई ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशियाई संकट जैसी कई चुनौतियों का सामना किया। हालांकि, हाल ही में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती न करने के फैसले पर सरकार और उद्योग से आलोचना हुई थी क्योंकि GDP ग्रोथ सितंबर तिमाही में 5.4% तक धीमी हो गई थी।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आखिरी बैठक में रेपो रेट लगातार 11वीं बार 6.5% पर स्थिर रखा गया। शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया था कि आरबीआई का पहला लक्ष्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना है। संजय मल्होत्रा के कार्यभार संभालने के बाद यह देखना होगा कि वे मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

First Published - December 9, 2024 | 6:19 PM IST

संबंधित पोस्ट