भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को UPI पेमेंट सेवाओं को और बेहतर करने के लिए ‘सिंगल ब्लॉक’ और ‘मल्टीपल डेबिट’ सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है। इस सुविधा के तहत ग्राहक किसी मर्चेंट के लिए अपने बैंक खाते में एक फिक्स अमाउंट को ब्लॉक करा सकता है। यह धनराशि सेवा पूरी होने के बाद अपने आप ग्राहक के खाते कट जायेगी।
ब्लॉक राशि ग्राहक के खाते में शेष राशि का वह हिस्सा होता है, जिसे वे किसी विशेष उद्देश्य के लिए आरक्षित यानी ब्लॉक करना चाहते हैं। आरबीआई के अनुसार, इससे ई-कॉमर्स क्षेत्र में भुगतान करने और साथ ही सेकेंडरी कैपिटल बाजार में सिक्योरिटीज में निवेश करने में आसानी होगी। साथ ही ग्राहकों को होटल बुकिंग के साथ ई-कॉमर्स मंचों पर लेनदेन का उपयोग करके सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद में भी मदद मिलेगी।
आरबीआई ने कहा, “इससे लेन-देन में बड़ा विश्वास पैदा होगा और व्यापारियों को समय पर भुगतान का आश्वासन मिलेगा, जबकि माल या सेवाओं की असल में डिलीवरी हो जाने तक पेमेंट की राशि ग्राहक के खाते में ही रहेगी।” अभी ग्राहक यूपीआई के जरिए सिंगल ब्लॉक यानी एक क्लिक पर पेमेंट करके पैसों का भुगतान करते हैं।
RBI इस संबंध में UPI का संचालन और प्रबंधन करने वाले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को जल्द ही निर्देश जारी करेगा। वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई देश में भुगतान का सबसे प्रचलित और पसंदीदा माध्यम बनकर उभरा है। UPI के पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) की इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन में 42 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है। वहीं, UPI की पर्सन-टु-व्यक्ति (P2P) ने जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान लेनदेन की मात्रा में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, UPI के जरिये नवंबर में 7.30 अरब लेनदेन किये गए। इन लेनदेन की राशि 11.90 लाख करोड़ रुपये थी।