सरकारी बैंक बाजार से धन जुटा सकते हैं। केनरा बैंक और पंजाब नैशनल बैंक सहित सरकारी बैंकों के नवंबर के अंतिम सप्ताह में बाजार से धन जुटाने की संभावना है। इस क्रम में इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के अगले महीने बाजार में भाग्य आजमाने की आस है। इस साल के अंत से पहले सरकारी बैंक टियर-2 बॉन्ड जारी करके कुल मिलाकर 9,000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक ने बॉन्ड यील्ड सुस्त होने के दौर में अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में टियर-2 बॉन्ड से 7500 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर धन जुटाया। इसके बाद कई सरकारी बैंक घरेलू पूंजी बाजार के लिए टियर-2 बॉन्ड जारी करके धन जुटाने की योजना बना रहे हैं। यह भारत के बैंकों के इस साल के शुरुआत के रुझान में बदलाव है। इस वर्ष की शुरुआत में ज्यादातर भारतीय बैंकों ने बॉन्ड मार्केट से दूरी बनाकर रखी थी और केवल एसबीआई और आईसीआईसीआई ने इस मार्केट में अपनी पहुंच बनाई थी।
पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक इस साल के अंत तक बेसल 3 वाले टियर 2 बॉन्ड के जरिये लगभग 9,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं। इस क्रम में इंडियन बैंक और इंडियन बैंक की योजना 1-1 हजार करोड़ रुपये जुटाने की है। हालांकि बैंक ऑफ इंडिया की योजना करीब 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। इस क्रम में पंजाब नैशनल बैंक और केनरा बैंक की नजर 2-2हजार करोड़ रुपये जुटाने पर है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘यील्ड सुस्त हो गई हैं और एसबीआई ने अच्छी दर पर धन जुटाया है। लिहाजा अन्य बैंक भी धन जुटाने की कतार में खड़े हो गए हैं। कोई भी बैंक बुनियादी ढांचा जारी करने के लिए आगे नहीं आया है। ईपीएफओ के पास बड़ी मात्रा में नकदी है और वे इसका निवेश करेंगे।’ उन्होंने बताया, ‘केनरा बैंक 24 या 25 नवंबर को बाजार में आ रहा है। इसके बाद पीएनबी और इंडियन ओवरसीज बैंक और अन्य सरकारी बैंक बाजार में भाग्य आजमाएंगे।’
एसबीआई ने बीते महीने 10 वर्षीय परिपक्वता वाले टियर 2 बॉन्ड से 6.93 की कूपन दर पर 7,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। एसबीआई ने बाजार की उम्मीद से अधिक धन जुटाया था।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक व प्रबंध साझेदार वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने बताया, ‘धन जुटाने का समय इस वित्त वर्ष की शुरुआत की तुलना में अब अनुकूल है। सिस्टम की नकदी आरामदायक स्थिति में है। भारतीय रिजर्ब बैंक के दिसंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंक कटौती करने की उम्मीद थी। दीर्घकालिक निवेशक उच्च गुणवत्ता, दीर्घावधि बॉन्ड में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। भविष्य निधि और पेंशन कोषों के नियामकीय लक्ष्य पूरे करने के कारण इस तिमाही की समाप्ति से पहले निवेश बढ़ाए जाने की उम्मीद है।’