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‘हमारा बैंक अंडरराइटिंग मानदंडों को बेहतर करेगा, कासा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित’- CEO पंजाब ऐंड सिंध बैंक

Last Updated- May 07, 2023 | 6:59 PM IST
Punjab & Sind Bank की QIP के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना, Punjab and Sind Bank plans to raise Rs 2,000 cr via QIP likely in H2 FY25

पंजाब ऐंड सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) व मुख्य कार्याधिकारी (CEO) स्वरूप कुमार साहा ने निकेश सिंह को साक्षात्कार में बताया कि बैंक गैर कॉरपोरेट के एडवांस के लिए अंडरराइटिंग के मानदंडों को बेहतर करेगा। बैंक कम लागत वाले कासा (चालू खाते और बचत खाते) के सृजन पर ध्यान केंद्रित करेगा। संपादित अंश:

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया बैठकों के मद्देनजर बैंक का उच्च गुणवत्ता वाले कर्ज के प्रति ध्यान केंद्रित करने में कैसे बदलाव आया है?

जहां तक उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियों का मामला है, हमारे दो क्षेत्र कॉरपोरेट और गैर कॉरपोरेट हैं। कॉरपोरेट में क्रेडिट प्रोफाइल सिलसिलेवार ढंग से बेहतर हुआ है, जैसे एएए- रेटिड खातों में पांच करोड़ रुपये से अधिक के क्रेडिट में इजाफा हुआ है। यह वित्त वर्ष 22 की मार्च तिमाही (चौथी तिमाही) के 10.3 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 23 की अंतिम तिमाही में 26.27 फीसदी हो गया है।

हालांकि गैर कॉरपोरेट क्षेत्र में सरकार और नियामक के अवलोकन के अनुसार बैंक अंडरराइटिंग मानदंडों को बेहतर करेगा। हाल में सरकार के अपनाए गए उपायों से कर्ज डूबने में कमी आएगी और संग्रहण समुचित रूप से बेहतर होगा।

वित्त वर्ष 23 के लिए 12 फीसदी के लक्ष्य से अधिक तय किया गया था लेकिन वृद्धि केवल 7.37 फीसदी हुई थी। ऐसे में वित्त वर्ष 24 के लिए 8-10 फीसदी वृद्धि के लक्ष्य को कैसे देखते हैं?

वित्त वर्ष 23 में कर्ज में 15 फीसदी की वृद्धि और जमा राशि में 7 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई थी। उद्योग के रुझानों के मुताबिक इस क्रम में 8 फीसदी का अंतर है। विभिन्न बैंकों के ब्याज दरों के बढ़ाने के कारण बीती दो तिमाहियों में जमा करने में बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि हम अपनी आशा के अनुरूप बाजार पर कब्जा नहीं जमा पाए और इससे बैंक खुदरा सावधि जमा को तैयार करने में असमर्थ रहा था। बैंक के हालिया परिणामों से जानकारी मिलती है कि निजी और सार्जनिक दोनों क्षेत्रों के बैंकों में दिसंबर तिमाही (तीसरी तिमाही) की तुलना में वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में कासा की जमा वृद्धि की दर कम हुई थी।

लिहाजा कम लागत वाली बचत के संसाधनों को सृजित करना चुनौती रहेगी। हमारा मानना है कि हमारी बड़ी जमा राशि पर निर्भरता कम होनी चाहिए। हमने वित्त वर्ष 24 के लिए जमा राशि और क्रेडिट बढ़ोतरी के लक्ष्य के लिए पारंपरिक नजरिया अपनाया है लेकिन दोनों में अंतर कायम है। हमारे लिए मुख्य चुनौती कासा का सृजन करना है।

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वित्त वर्ष 23 की मार्च की तिमाही में बैंक के फंसे कर्ज में बढ़ोतरी हुई है। यह बीती तिमाही में 243 करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 23 की मार्च की तिमाही में बढ़कर 433 करोड़ रुपये हो गया। आपकी क्या राय है?

कृषि क्षेत्र के अतिरिक्त फंसे हुए कर्ज के कारण प्रमुख तौर पर इस मद में वृद्धि हुई। यह कम मूल्य वाले खातों के साथ बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता का एक अन्य क्षेत्र है।

हर बैंक के लिए कृषि क्षेत्र में अपनी चुनौतियां हैं। यदि आप वित्त वर्ष 22 की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) पर नजर डालेंगे तो कृषि क्षेत्र में फंसे हुए कर्ज में अचानक से बढ़ोतरी हुई है। यह वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में भी जारी रही।

बैंकों को लगता है कि कृषि क्षेत्र में बीते दो साल के फंसे हुए कर्ज के बाद उनकी स्थिति सुधरी है। हालांकि इस क्षेत्र में ऋण पुनर्भुगतान की क्षमता कई बाहरी कारकों से भी प्रभावित होती है।

वित्त वर्ष 23 में बैंक की गैर सकल निष्पादित संपत्तियों (सकल NPA) और शुद्ध NPA के लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे। आपको वित्त वर्ष 24 के लिए रुझान कैसे लगते हैं?

बैंक ने दो बीते वित्त वर्ष में जबरदस्त रिकवरी की है। वित्त वर्ष 22 में 2,143 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी जबकि वित्त वर्ष 23 में 2,151 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी। नियामक के दायरे के तहत कुछ टेक्निकल राइट ऑफ की मदद से हासिल किया गया है।

बैंक ने वित्त वर्ष 24 में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस में रिटन ऑफ ऋण भी शामिल हैं। इससे वित्त वर्ष 24 में बैंक को सकल NPA छह फीसदी से कम और शुद्ध NPA 1.5 फीसदी से कम रखने में मदद मिलेगी।

First Published - May 7, 2023 | 6:59 PM IST

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