अकाउंटिंग मानकों में बदलाव और स्वास्थ्य व मोटर बीमा क्षेत्र के प्रीमियम की वृद्धि सुस्त रहने के कारण गैर जीवन बीमा कंपनियों का प्रीमियम फरवरी महीने में सालाना आधार पर 2.82 प्रतिशत कम होकर 21,747.57 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले 22,378.12 करोड़ रुपये था।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न तरह के कारोबार करने वाले जनरल इंश्योरेंस क्षेत्र के प्रीमियम में सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की गिरावट आई है और फरवरी में यह 17,399.3 करोड़ रुपये रह गया है। वहीं एकल स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम 7.80 प्रतिशत बढ़कर 3,234.6 करोड़ रुपये हो गया है।
पिछले साल अक्टूबर से दीर्घावधि पॉलिसियों के लिए बीमा नियामक द्वारा अकाउंटिंग मानकों में बदलाव किए जाने की वजह से भी गैर जीवन बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में वृद्धि प्रभावित हुई है।
सबसे बड़ी जनरल इंश्योरर न्यू इंडिया एश्योरेंस के प्रीमियम में 2.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी सबसे बड़ी कंपनी आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस का प्रीमियम सालाना आधार पर 0.69 प्रतिशत कम हुआ है।
अन्य सरकारी बीमाकर्ता यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के प्रीमियम में 14.30 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि नैशनल इंश्योरेंस का प्रीमियम 4.10 प्रतिशत बढ़ा है। बहरहाल ओरिएंटल इंश्योरेंस का प्रीमियम सालाना आधार पर 8.96 प्रतिशत गिरा है।
समीक्षाधीन महीने में सभी कंपनियों ने आईआरडीएआई के फॉर्मेट का पालन करने के लिए चालू साल में दीर्घावधि प्रीमियम कम किया है। ऐसे में आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती है।
इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स में वाइस प्रेसीडेंट और सेक्टर हेड नेहा पारिख ने कहा, ‘ पिछले साल की तुलना में इस साल जनरल इंश्योरेंस क्षेत्र के प्रीमियम में वृद्धि सुस्त रही है। आर्थिक गतिविधियों और वाहन की बिक्री में आम सुस्ती का प्रीमियम में वृद्धि पर असर पड़ा है, वहीं अक्टूबर 2024 से लागू अकाउंटिंग के 1-एन मेथड के कारण भी प्रीमियम की वृद्धि प्रभावित हुई है। इसके अलावा पॉलिसियों की संख्या में वृद्धि सीमित है। आक्रामक प्राइसिंग के कारण फायर सेग्मेंट भी प्रभावित हुआ है।’