जीई मनी के साथ क्रेडिट कार्ड कारोबार में एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड केहाथ जलने के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम ने तय किया है कि वह क्रेडिट कार्ड कारोबार में अकेले ही प्रवेश करेगी।
पहले भारतीय जीवन बीमा निगम का क्रेडिट कार्ड कारोबार के लिए जीई मनी के साथ गठजोड़ करने का इरादा था। गौरतलब है कि एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विस में जीई मनी की 40 फीसदी हिस्सेदारी थी और एक दशक में पहली बार वित्त्तीय वर्ष 2007-08 में कंपनी को 1.5 अरब का नुकसान झेलना पड़ा।
एलआईसी के अधिकारी ने कहा कि एसबीआई कार्ड का जीई मनी के साथ अनुभव बढ़िया नहीं रहा है। हमनें भी पिछले सालों में अपने विदेशी सहयोगियों के साथ समस्याएं महसूस की है। हमनें क्रेडिट कार्ड कारोबार के लिए अकेले जाने का निर्णय लिया है। यद्यपि एलआईसी को अभी यह निर्णय करने में वक्त लग सकता है कि उसे इस कारोबार में अकेले प्रवेश करना चाहिए या किसी सहयोगी के साथ।
क्योंकि कई कंपनियां एलआईसी के साथ इस कारोबार में प्रवेश करने के लिए उत्साहित हैं। एलआईसी के अधिकारी ने कहा कि चार-पांच कंपनियों ने साथ कारोबार करनें की इच्छा दिखाई है लेकिन उन्होंने आगे कोई भी जानकारी देनें से इंकार कर दिया। एलआईसी के इस प्रस्तावित कार्ड कारोबार में जीई मनी की हिस्सेदारी 30 फीसदी तय की गई थी जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी।
जबकि कारपोरेशन बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और एलआईसी म्युचुअल फंड में से प्रत्येक की पांच-पांच फीसदी हिस्सेदारी निश्चित की गई थी। जबकि बची हुई 15 फीसदी हिस्सेदारी किसी प्राइवेट इक्विटी कंपनी के लिए निर्धारित की गई थी। अधिकारी ने कहा कि यदि एलआईसी अकेले इस कारोबार में प्रवेश करने का फैसला करती है तो उसकी इस प्रस्तावित कंपनी में हिस्सेदारी 70 फीसदी होगी। एलआईसी के जीई मनी के साथ प्लास्टिक मनी बिजनेस के लिए गठजोड़ करने का फैसला करने के बाद स्टेट बैंक ने इस पर आपत्ति जताई थी।
जबकि दूसरी ओर एलआईसी ने कहा था कि उसे जीई मनी को अपने क्रेडिट कार्ड कारोबार के लिए सहयोगी बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। इस प्रस्तावित कार्ड कारोबार कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमंत भार्गव ने भी कहा था कि हमें जीई मनी के इस कारोबार में एसबीआई के साथ पहले से ही हुए गठजोड़ से कोई समस्या नहीं है। हालांकि जब एसबीआई कार्ड ने मई में इस कारोबार से हुए नुकसान का खुलाशा किया तो एलआईसी ने इस सौदे पर फिर से विचार करना प्रारंभ किया।
पहले की योजनाओं के अनुसार एलआईसी का यह कार्ड बिजनेस इस साल के अंत से शुरु होना था लेकिन अब इसकी शुरुआत कुछ अनिश्चित लगती है। एसबीआई ने हाल में ही स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के मुख्य प्रबंधक दिवाकर गुप्ता को एसबीआई कार्ड का प्रमुख बनाया है जबकि पहले जीई मनी के अधिकारी के पास यह पद था।