facebookmetapixel
Assam Earthquake: असम में 5.9 तीव्रता का भूकंप, गुवाहाटी में मची अफरा-तफरी, लोग घरों से बाहर निकलेसिर्फ एक फंड से टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अदाणी तक के शेयरों में करें निवेश, जानें कैसे काम करते हैं कांग्लोमरेट फंडPM मोदी ने असम में ₹18,530 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, बायोएथेनॉल, पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का किया शुभारंभTata Capital ला रहा ₹17,000 करोड़ का बड़ा IPO, IFC की हिस्सेदारी बेचकर कमाएगा 13 गुना मुनाफाशेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयकपीएम मोदी ने असम को दी ₹6,300 करोड़ की स्वास्थ्य और इन्फ्रा परियोजनाओं की सौगातUP: कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना उत्तर प्रदेश का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टेMCap: बाजाज फाइनेंस की मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त, 8 कंपनियों का कुल मूल्य ₹1.69 ट्रिलियन बढ़ाMarket Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचल

निफ्टी रहेगा 4300-4700 के दायरे में

Last Updated- December 07, 2022 | 4:05 PM IST

पिछले हफ्ते वायदा कारोबार में काफी भारी वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट देखा गया है और बाजार के उतार चढ़ाव और इंट्रा डे के दायरे को देखते हुए इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए।


विदेशी संस्थागत निवेशकों ने वायदा कारोबार में अपनी पोजीशन घटाई हैं और ऐसा लगता है कि इस सबमें ऑपरेटरों की दिलचस्पी ज्यादा दिख रही थी।

इंडेक्स की रणनीति

विदेशी संस्थागत निवेशकों की वायदा कारोबार में आउटस्टैंडिंग पोजीशन पिछले हफ्ते 40 फीसदी के सामान्य आउटस्टैंडिंग से गिरकर करीब 36 फीसदी पर आ गयी है। यह गिरावट इस अफवाह की वजह से भी हो सकती है कि सेबी 13 अगस्त की अपनी बैठक में पी नोट के मुद्दे पर फिर एक बार चर्चा करेगा।

पी नोट कारोबार का एक बहुत बड़ा हिस्सा डेरिवेटिव सेगमेन्ट में होता है और अगर इस मामले पर सेबी और सख्ती बरतता है तो वायदा कारोबार यानी एफ ऐंड ओ कारोबार को तगड़ा झटका लग सकता है। और इसका असर कुछ समय के लिए कैश सेगमेन्ट पर भी पडेग़ा।

जो भी हो पिछले हफ्ते वॉल्यूम पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है क्योंकि स्थानीय ऑपरेटरों ने कमान संभाल ली थी। अभी तक तो अगस्त सेटलमेंट ठीक जा रहा है, इसकी शुरुआत भारी उतार चढ़ाव के साथ हुई थी  और वीआईएक्स रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था।

लेकिन अब वीआईएक्स उचित स्तरों पर आ गया है हालांकि इंट्रा डे की रेंज काफी ज्यादा है और कुल मिलाकर माहौल सकारात्मक दिख रहा है। इंडेक्स फ्यूचर में प्रीमियम पर कारोबार हो रहा है और यह तेजी का संकेत है।

हालांकि अभी सेटलमेंट को तीन हफ्ते बाकी हैं लेकिन सितंबर की लिक्विडिटी पर गौर किया जाए तो अच्छे खासे कैरी ओवर की उम्मीद है। अगस्त और सितंबर के कॉन्ट्रैक्ट में बहुत फर्क नहीं दिख रहा है जो तेजी का संकेत देता है। हेज रेशियो की बात करें यानी स्टॉक डेरिवेटिव में वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट और इंडेक्स फ्यूचर में वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट का अनुपात तेजी से बढ़ा है।

यह बढ़ती सट्टेबाजी का भी  संकेत है और साथ ही यह तेजी का माहौल बनने की ओर भी इशारा करता है। निफ्टी का पुट कॉल रेशियो तेजी की ओर है। अगस्त का पुट कॉल रेशियो ओपन इंटरेस्ट के लिहाज से 1.23 है जबकि कुल पुट कॉल रेशियो 1.3 है। दोनों ही अनुपात सामान्य तेजी की जद में हैं। ऑप्शन वॉल्यूम की बात करें तो यह सभी सेगमेन्ट में तेजी पर है।

मंदी के संकेत कम दिख रहे हैं लेकिन वे हैं जरूर। वीआईएक्स अब भी काफी ऊंचे स्तर पर है और यह मंदी का संकेत है और निफ्टी में 4550 के स्तर से ऊपर लगातार बिकवाली का दबाव बना हुआ है। इसके अलावा कैश सेगमेन्ट में संस्थागत सपोर्ट नहीं होना भी अच्छे संकेत नहीं हैं यानी स्मार्ट मनी अब भी इस रैली में हिस्सा नहीं ले रही है।

यही नहीं, पिछले हफ्ते की रैली महंगाई की तेजी के बावजूद रही है और यह ब्याज दरों से प्रभावित होने वाले सेक्टरों जैसे बैंक और ऑटो की वजह से थी। तेजी रिजर्व बैंक के रेपो रेट में इजाफा करने और महंगाई दर 12 फीसदी से ऊपर जाने के बावजूद रही। जानकारों का एक मत यह है कि बाजार ने इन दोनों ही वजहों को पहले से ही फैक्टर इन कर लिया है।

लेकिन यह रैली केवल ब्याज दरों से प्रभावित होने वाले सेक्टरों की बदौलत ज्यादा दूर नहीं जा सकती। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों की राहत रैली का भी असर रहा, क्योंकि कच्चा तेल कुछ कमजोर रहा है और इसका असर घरेलू शेयर बाजार पर भी पड़ा है। हालांकि कच्चा तेल अब भी ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर है और फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि लंबी अवधि में तेल की कीमतें ठंडी पड़ेंगी।

टेक्निकल नजरिए से देखें तो लगता है कि रैली फिलहाल जारी रहेगी क्योंकि 4450 से ऊपर अच्छे वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट देखा गया है और ब्याज दरों से प्रभावित होने वाले सेक्टर इस रैली को छोड़ भी दें तो बाकी सेक्टर इसे संभाल लेंगे। लेकिन 4550 से ऊपर लगातार बिकवाली इस बात का संकेत है कि इस स्तर पर तगड़ा रेजिस्टेंस है जो कॉल ऑप्शंस के भारी ओपन इंटरेस्ट से भी लग रहा है।

इसी तरह पुट ऑप्शंस को देखते हुए 4300-4400 के स्तर पर भारी सपोर्ट भी दिख रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि हम दायरे में कारोबार करेंगे और संभवत: 4300-4700 के बीच रहेंगे। अगर पिछले पांच सत्रों का पैटर्न बरकरार रहता है तो इंट्रा डे की रेंज ज्यादा रहेगी। इस हफ्ते स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी भी रहेगी यानी गुरुवार को ओपन इंटरेस्ट में कमी आ सकती है।

इसका ख्याल रखा जाना चाहिए क्योंकि यह लिक्विडिटी पर असर डाल सकता है और उतार चढ़ाव भी बढ़ सकता है। स्प्रेड भी देखें तो कुल मिलाकर बड़े करेक्शन से ज्यादा संभावना बडी तेजी की बन रही है। अगर मंदी की अवधारणा रखी जाए तो सीमित बियरस्प्रेड को देखना होगा और अवधारणा तेजी की लें तो बडे दायरे के बुलस्प्रेड को देखना होगा। हमारी धारणा है कि बाजार का सीमित दायरा देखते हुए दोनों ही स्प्रेड में लाँग ऑप्शन बनेंगे लेकिन शॉर्ट ऑप्शन नहीं बनेंगे।

स्टॉक वायदा

बीता हफ्ता बैंकिंग शेयरों के लिए बेहद जोरदार रहा, लेकिन इसके बाद भी ऊपर बताए हुए तेजी के कारणों भर से इस हफ्ते देखने को मिली 8.1 फीसदी की तेजी को बरकरार नहीं रह सकती। इसी तरह फाइनैंस सेक्टर में बीते हफ्ते सबसे बेहतर कारोबार दिखाने वाले एचडीएफसी और रिलायंस कैपिटल जैसे  स्टॉक के मूमेंटम भी धीमे पड़ सकते हैं।

ऑटो सेक्टर की स्थिति इससे अधिक जुदा नहीं है। हालांकि ऐसा नहीं है कि इस स्थिति से बचा नहीं जा सकता। शार्ट करना एक कारगर कदम हो सकता है। इंजीनियरिंग स्टॉक्स में एबीबी और एआईए इंजी. भी इस सप्ताह बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं लेकिन इनमें लिक्विडिटी काफी कम हैं।

चंबल फर्टिलाइजर्स (कैश-81.5 करोड़) का प्रोफाइल काफी दिलचस्प दिख रहा है, भारी ओपन इंटरेस्ट के साथ यह वायदा (82.30 रु.) पर है और इसमें 78 रुपए का स्टॉप लॉस रखकर लाँग पोजीशन ली जा सकती है।

First Published - August 10, 2008 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट