भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की परिसंपत्ति की वृद्धि मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) और अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में घटकर सालाना आधार पर 15-17 फीसदी ही रह सकती है। वित्त वर्ष 24 में इसमें 23 फीसदी की अच्छी वृदि्ध हुई थी।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारकों में बढ़ती चूक के बीच रणनीतियों में पुनर्संतुलन, बैंक वित्तपोषण में कमी और कड़े विनियमन सहित वित्तपोषण और तरलता की स्थिति शामिल हैं। हालांकि एनबीएफसी की अनुमानित वृद्धि दशक के 14 फीसदी (वित्त वर्ष 2014-2024) के औसत से अधिक रहेगी।
एनबीएफसी की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) की वृद्धि के दो बड़े पारंपरिक खंड आवास और वाहन ऋण (एनबीएफसी एयूएम के करीब 45 फीसदी) हैं। इनमें में एनबीएफसी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) की वृद्धि उपरोक्त कारकों के सीमित प्रभाव के साथ बुनियादी बातों द्वारा संचालित होती रहेगी। दूसरी ओर, क्रिसिल ने कहा कि असुरक्षित ऋण और लघु वित्त खंड, जिनकी कुल एनबीएफसी एयूएम में लगभग 23 फीसदी हिस्सेदारी है, पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी ने वृद्धि के कारणों को प्रभावित करने वाले कारकों का खुलासा किया। सबसे पहले, घरेलू ऋणग्रस्तता और परिसंपत्ति गुणवत्ता जोखिमों के बारे में बढ़ती चिंताओं का माइक्रोफाइनेंस और असुरक्षित ऋण जैसे विशिष्ट खुदरा परिसंपत्ति खंडों में विकास रणनीतियों पर असर पड़ेगा। दूसरा, ग्राहक संरक्षण, मूल्य का खुलासा करने और परिचालन अनुपालन पर अधिक ध्यान देने की वजह से विनियामक अनुपालन की आवश्यकताएं बढ़ गई हैं। इसके लिए प्रक्रिया को नए सिरे से तय करना होगा।
क्रिसिल रेंटिंग्स के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘हालिया नियामक घोषणाओं ने कानून के अक्षरश: पालन और संचालन जोखिम प्रबंधन की महत्ता को उजागर किया है।’ क्रिसिल के मुताबिक बैंकों द्वारा एनबीएफसीसी को ऋण खासतौर पर कम होने के दौर में तीसरा कारक, विविध वित्तपोषण स्रोतों तक पहुंच है, जो कि वृदि्ध का अहम निर्धारक है, और यह सभी एनबीएफसी के लिए अलग-अलग होगा।
हालांकि आवास ऋण में स्थायी रूप से 13-14 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) बने रहने अनुमान है। नीतिगत पहलों जैसे ब्याज सब्सिडी योजना को फिर से लागू किए जाने से इसे प्रोत्साहन मिलेगा।
आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) का ध्यान किफायती खंड (25 लाख रुपये से कम के ऋण) पर है जिनमें 22-23 फीसदी की त्वरित वृद्धि होने का अनुमान है। वाहन वित्त की वृद्धि सुस्त रहने का अनुमान है लेकिन इसमें भी सीएजीआर 15-16 फीसदी के करीब रहेगा।
बीते तीन वित्त वर्षों में असुरक्षित ऋण में वृदि्ध करीब 45 फीसदी थी और यह समग्र एनबीएफसी एयूएम का तीसरा सबसे बड़ा घटक बन गया है। हालांकि इस वित्त वर्ष में यह वृद्धि सुस्त होकर 15-16 फीसदी रह जाएगी।