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बीमा पॉलिसी से कम होगा नौकरी गंवाने का घाटा लेकिन शर्तें कई

Last Updated- December 12, 2022 | 10:46 AM IST

महामारी की शुरुआत के बाद से लाखों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है या उनकी आय में भारी गिरावट देखी गई है। बहुत से लोग आज ऐसे वित्तीय उत्पाद चाहते हैं जो आय में अचानक गिरावट से निपटने में उनकी मदद कर सकें। हालांकि नौकरी खोने या आय में कमी को शामिल करने वाली बीमा पॉलिसियां बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन उनके साथ कई शर्तें भी जुड़ी हैं।
इस तरह की बीमा सुरक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, मोटर इन्श्योरेंस के प्रमुख सज्जा प्रवीण चौधरी कहते हैं, ‘मध्यम वर्ग के वेतनभोगी और स्वरोजगार में लगे लोगों को अचानक होने वाले वित्तीय झटके से बचाने के लिए विकल्पों की आवश्यकता होती है क्योंकि उनके पास ईएमआई जैसी कई देनदारियां होती हैं।’ पॉलिसीबाजार ने हाल ही में एक अलग वर्टिकल स्थापित किया है जो नौकरी जाने या आय में गिरावट से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीमा उत्पाद उपलब्ध कराता है।

क्या है पेशकश
भारत में, नौकरी खोने या आय में कमी को कवर करने के लिए अलग से कोई बीमा पॉलिसी उपलब्ध नहीं है। हालांकि गंभीर बीमारी, व्यक्तिगत दुर्घटना, घऱ का बीमा, स्वास्थ्य बीमा आदि के लिए खरीदी गई बीमा पॉलिसी के साथ इस तरह की सेवाएं उपलब्ध हैं या ये कुछ राइडर के रूप में मौजूद होती हैं।
इस लाभ को आमतौर पर दो शर्तों के तहत भुगतान किया जाता है। पहला, जहां एक व्यक्ति की नौकरी समाप्त हो गई हो या वेतन में कटौती की गई हो। दूसरा, विकलांगता या मृत्यु के कारण व्यक्ति की नौकरी चली गई हो। इस तरह के राइडर की कीमत आमतौर पर कुछ सौ रुपयों से लेकर कुछ हजार रुपयों तक होती है।

ध्यान रहे क्या-क्या है बीमा दायरे से बाहर
हालांकि इनमें से अधिकांश पॉलिसियों के साथ कुछ ऐसे नियम कायदे शामिल होते हैं जिनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है। बैंकबाजार के मुख्य कार्याधिकारी आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘ज्यादातर मामलों में, आय-संरक्षण संबंधी खंड केवल पॉलिसी के बाकी हिस्सों के साथ चालू रहता है। उदाहरण के लिए, एक हेल्थ कवर आम तौर पर केवल तभी आय संरक्षण प्रदान करेगा जब पॉलिसीधारक अस्वस्थता के कारण काम करना जारी रखने में असमर्थ हो।’ अगर पहले से मौजूद किसी बीमारी के चलते नौकरी छूट जाती है तो आपको उस लाभ के योग्य नहीं माना जाएगा।
कभी-कभी, नौकरी खोने संबंधी शर्तों को बहुत बारीकी से परिभाषित किया जाता है। कुछ योजनाएं आपको केवल तभी कवर दे सकती हैं जब नौकरी का नुकसान कंपनी के विलय या अधिग्रहण के चलते हुए है। यदि आपने इस्तीफा दिया है, अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा हो, खराब प्रदर्शन के कारण या प्रोबेशन काल के दौरान हटा दिया गया हो तो ऐसी स्थितियों में आपको कवर नहीं मिलेगा।
कुछ पॉलिसियां एक-तीन महीने की प्रतीक्षा अवधि के साथ आती हैं।
दुर्घटना बीमा पॉलिसियां भी कुछ शर्तों के तहत ही आपको नौकरी के नुकसान की भरपाई करती हैं। शेट्टी कहते हैं, ‘ज्यादातर पॉलिसियां केवल ऐसे मामलों में नौकरी खोने को शामिल करती हैं, जिनमें पॉलिसीधारक ने स्थायी या आंशिक विकलांगता या मृत्यु के चलते नौकरी खो दी हो।’
आपातकालीन निधि बनाएं
हालांकि अक्सर इन पॉलिसियों से मिलने वाले लाभ भी अपर्याप्त होते हैं। इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि बीमा कवर पर निर्भर रहने के बजाय बचत करना बेहतर विकल्प है। फिनविन फाइनेंशियल प्लानर्स के संस्थापक मेल्विन जोसेफ कहते हैं, ‘एक बार जब आपको नौकरी मिल जाती है, तो आपकी पहली प्राथमिकता आपातकालीन फंड इक_ा करने की होनी चाहिए।’
उनके अनुसार, एकल-आय वाले परिवार के पास कम से कम 12 महीने के खर्चों को कवर करने वाला आपातकालीन फंड होना चाहिए। जबकि दोहरी-आय वाला परिवार छह महीने के खर्चों के आपातकालीन फंड के साथ काम चला सकता है। इसके अलावा, वह इस बात पर जोर देते हैं कि लोगों के पास अपने अनुसार तय की हुई कुछ जरूरी पॉलिसी होनी चाहिए। जोसेफ कहते हैं, ‘पैसे कमाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास अलग-अलग टर्म इंश्योरेंस, फैमिली फ्लोटर हेल्थ इन्श्योरेंस और एक व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसी होनी चाहिए, जिसमें कोमा जैसी अस्थायी या संपूर्ण विकलांगता सहित सभी प्रकार की विकलांगता शामिल हो।’
लब्बोलुआब यह है कि आपको केवल नौकरी खोने या आय में कटौती की सुरक्षा  के लिए बीमा पॉलिसी खरीदने का लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए। किसी प्रमुख बीमा पॉलिसी को खरीदें। अगर उनमें से कोई पॉलिसी नौकरी जाने या आय में कटौती होने जैसी परिस्थितियों को शामिल करती है तो इसका लाभ उठाएं।

First Published - December 20, 2020 | 11:41 PM IST

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