लाइफ इंश्योरेंस उद्योग को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में मार्जिन घटने की उम्मीद है। इसका कारण गैर भागीदारी उत्पादों और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होगा। दूसरी तरफ, गैर लाइफ इंश्योरेंसकर्ताओं का संयुक्त अनुपात बढ़ती आपदाओं और स्वास्थ्य के मुद्दे बढ़ने के कारण दबाव में आ गया है।
कंपनियों के नए कारोबारी मूल्य (वीएनबी) के मार्जिन में गिरावट के प्रमुख कारक में लाइफ इंश्योरेंसकर्ताओं का गैर सहभागी उत्पादों में गिरती हिस्सेदारी है। वीएनबी नए व्यसाय में होने वाले अनुमानित मुनाफे के आर्थिक मूल्य का मापक है। वीएनबी मार्जिन कंपनियों का लाभ मार्जिन है।
एमके ग्लोबल फाइनैशियल सर्विसेज के विश्लेषकों के मुताबिक, ‘सूचीबद्ध प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंसकर्ताओं के वीएनबी मार्जिन में मिश्रित उत्पादों में गैर भागीदारी के घटने व ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होने के कारण सालाना आधार पर कमी आने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि एपीई वृद्धि और वीएनबी मार्जिन कम होने से लाइफ इंश्योरेंसकर्ताओं के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।’
एमके ग्लोबल फाइनैशियल सर्विसेज के विश्लेषकों के अनुसार आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ का वीएनबी मार्जिन 39.9 प्रतिशत से गिरकर 28.8 प्रतिशत आने का अनुमान है। इसी तरह मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का 39.3 प्रतिशत से घटकर 29.7 प्रतिशत और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का 26.8 प्रतिशत से घटकर 26.6 प्रतिशत आने की उम्मीद है।