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सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड रखें पास सोने में फिर चमक की आस

Last Updated- December 12, 2022 | 6:47 AM IST

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अवधि आठ साल है, लेकिन निवेशक उन्हें पांच साल बाद परिपक्वता से पहले भी भुना सकते हैं। इस बॉन्ड की तीसरी किस्त (एसजीबी 2.75 फीसदी मार्च 2024) को 29 मार्च को परिपक्वता से पहले भुनाया जा सकता है। आनंठ राठी प्रीफर्ड में झरना अग्रवाल कहती हैं, ‘इस किस्त में जिन लोगों ने निवेश किया था, उन्हें करीब 10 फीसदी चक्रवृद्धि सालाना प्रतिफल मिलेगा क्योंकि पिछले दो साल के दौरान इस पीली धातु में अप्रत्याशित तेजी आई है।’ निवेशक अगर इन बॉन्डों से निकलना चाहते हैं तो वे इन्हें उसी बैंक या डाकघर को लौटा सकते हैं, जिनसे उन्होंने खरीदारी की थी। ऐसी निकासी कूपन (ब्याज) भुगतान तिथि (साल में दो बार) पर हो सकती हैं। बॉन्डों का एक्सचेंजों पर भी कारोबार होता है, लेकिन वहां कारोबारी मात्रा ज्यादा अधिक नहीं है। ऐसे में वहां उनका कम दाम पर कारोबार होता है। इस वजह से एक्सचेंजों पर बेचने से नुकसान हो सकता है।

किन्हें भुनाना चाहिए?
असल में हाल में सोने की चमक फीकी पड़ी है। यह 7 अगस्त, 2020 को अपने सर्वोच्च स्तर 55,901 रुपये से 20.1 फीसदी लुढ़क गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को नकदी की जरूरत है, वे इसे भुना सकते हैं। अग्रवाल कहती हैं, ’10 फीसदी चक्रवृद्धि सालाना प्रतिफल अच्छा है। एसजीबी की तीसरी किस्त 29 मार्च को भुनाने योग्य हो जाएगी। यह मुनाफावसूली का एक अच्छा मौका है।’ वह कहती हैं कि ब्याज दरें दुनिया भर में बढ़ रही हैं और पूरे विश्व में केंद्रीय बैंकों की निवेश मांग घट रही है, इसलिए सोने के लिए निकट अवधि का परिदृश्य सकारात्मक नहीं है। अगर आप निकलना चाहते हैं तो यह काम तुरंत करें।

आरबीआई के नियम  
परिपक्वता से पहले निकासी के आग्रह को तभी स्वीकार किया जाएगा, जब निवेशक कूपन भुगतान तारीख से कम से कम एक दिन पहले बैंक या डाकघर से संपर्क करता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि कम से कम 10 दिन पहले आवेदन किया जाना चाहिए। इससे प्राप्त धनराशि आवेदन करते समय मुहैया कराए गए बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

किन लोगों को निवेश बनाए रखना चाहिए?
अगर आपको पैसे की जरूरत नहीं है तो एसजीबी में बने रहें क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें फिर से मजबूत हो सकती हैं। केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने कहा, ‘सोने के फिर से अपने पिछले सर्वोच्च स्तर को पार करने की पर्याप्त गुंजाइश होने की कई वजह हैं। इनमें वैश्विक प्रोत्साहन उपायों से तरलता में बढ़ोतरी, कोविड से संबंधित अनिश्चितता, यूरोप में टीके से संबंधित दिक्कतें, वैश्विक बैंकरों का अमेरिकी डॉलर में 5-6 फीसदी गिरावट का अनुमान और महंगाई की चिंताएं शामिल हैं। संक्षेप में कहें तो सोने को लेकर मंदडिय़ा रुझान मध्यम अवधि में बदल सकता है।

परिपक्वता से पहले निकासी पर चुकाएं कर
एसजीबी में कर को लेकर विशेष प्रावधान हैं, जिससे इसे परिपक्वता तक बनाए रखना आकर्षक हो जाता है। एनए शाह एसोसिएट्स में पार्टनर गोपाल बोहरा ने कहा, ‘आठ साल बाद परिपक्वता पर एसजीबी को भुनाने से व्यक्ति को कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं देना पड़ता है।’ दूसरी तरफ अगर आप पांचवें साल के बाद भुनाते हो तो आपके पूंजीगत लाभ पर कर लगेगा। बोहरा ने कहा, ‘पांच साल के बाद बॉन्ड को भुनाने या बेचकर नकदी में बदलने पर दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी कर लगेगा। साथ ही, अधिभार और उपकर का भी भुगतान करना होगा।’

First Published - March 21, 2021 | 11:01 PM IST

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