कल तक भरोसे का प्रतीक रहा सत्यम कंप्यूटर, आज हेरा-फेरी का नूमना बन चुका है। कंपनी में हुई हेराफेरी ने कॉर्पोरेट इंडिया को उसका सबसे घोटाला दिया।
लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि इस हेराफेरी की वजह से कई निवेशकों की पूंजी मिट्टी मिल गई क्योंकि कंपनी के शेयर तीन महीने में 75 फीसदी गिर चुके हैं।
हालात और बुरे हो सकते थे, अगर कंपनी के नए बोर्ड ने कंपनी में जान फूंकने की कवायद न की होती। बोर्ड अब कंपनी के नए मालिक की तलाश कर रही है।
इसके लिए उसने कई बड़ी-बड़ी कंपनियों को बोली लगाने के वास्ते बुलाया है।
कैसे होगी नीलामी?
हालांकि, सत्यम ने बोली लगाने की इच्छा जाहिर करने वाली सूची जारी नहीं की है, लेकिन चर्चाओं के मुताबिक लार्सन ऐंड टुर्बो, स्पाइस ग्रुप, आईगेट, टेक महिंद्रा और कई दूसरी प्राइवेट इक्विटी कंपनियों व सॉफ्टवेयर कंपनियों बोली लगा सकती हैं।
इसके लिए कंपनियों को इच्छा जाहिर करने वाले पत्र के साथ-साथ कम से कम 1500 करोड़ रुपये के फंड अपने पास होने दस्तावेज जमा करने होंगे। इसके बाद कुछ खास बोलीकर्ताओं को छांटा जाएगा, जिन्हें कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में गोपनीय जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।
इसके बाद विजेता कंपनी को सत्यम 30.28 करोड़ शेयर (कंपनी की 31 फीसदी हिस्सेदारी) जारी करेगी। साथ ही, बाकी की 20 फीसदी हिस्सेदारी (20 करोड़ शेयर) विजेता कंपनी खुले बाजार से खरीदेगी।
कितनी होगी कीमत?
कीमत ही तो असल सवाल है। इस वक्त सत्यम की असल कीमत निर्धारित कर पाना एवरेस्ट की चढ़ाई करने से कम मुश्किल नहीं है। दरअसल, सत्यम की वित्तीय स्थिति (कमाई, परिचालन मुनाफा और कमाई) को लेकर कई तरह की बातें चल रही है।
साथ ही, उसके कारोबार (बड़े सौदों की अवधि और ऑर्डर की स्थिति) को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं। इसके अलावा, उसकी देनदारियों को भी लेकर कोई निश्चित नहीं है।
एक अनुमान के तहत कीमत 1500 करोड़ रुपये तक जा सकती है। चर्चाओं के मुताबिक इसी कीमत के आधार अलग-अलग कंपनियां बोली लगाएंगी। अगर 50 करोड़ शेयरों के इस कीमत को चुकाया जा रहा है, तो इस हिसाब से कंपनी के एक शेयर की कीमत निकलती है 30 रुपये।
दूसरी तरफ, पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए अगर यह मानकर चलें की कंपनी के पास नगदी के नाम पर कुछ भी नहीं है, तो उसके पास कुल संपत्ति बचती है 2,500 करोड़ रुपये की।
मतलब हुआ एक शेयर की कीमत 37 रुपये, जो बाजार कीमत से 18 फीसदी कम है। दिक्कत यह है कि कई रिपोर्टों की मानें तो सत्यम के सिर पर 10 करोड़ से लेकर एक अरब डॉलर तक की देनदारियां हैं।
इस वजह से कंपनी को ज्यादा कीमत भी नहीं मिल पाएगी। वैसे, विश्लेषकों का कहना है कि नीलामी के दौरान यह कीमत 40-50 रुपये प्रति शेयर तक जा सकती है। वजह है कंपनी के पास मौजूद ग्राहकों की अच्छी-खासी लिस्ट, बौध्दिक संपदा का अच्छा-खासा खजाना और कई चीजें।
आप क्या करें?
एक बार जब नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो निवेशकों का ध्यान नए प्रबंधन की तरफ जाएगा। निवेशक नए प्रबंधन के गुणों और आगे की राह पर अपना ध्यान केंद्रीत करेंगे।
एमके ग्लोबल के प्रमुख (रिसर्च) अजय परमार का कहना है कि जिन लोगों ने सत्यम के शेयर 200 रुपये के भाव पर लिए थे, उन्हें अभी एक तिमाही तक इंतजार करना चाहिए।
उन्हें कोई फैसला करने से पहले नई मैनेजमेंट की क्षमताओं और उसका सत्यम के ग्राहकों पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखना चाहिए।