वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान जब आपकी नियोक्ता कंपनी आपको एक लंबा-चौड़ा डॉक्यूमेंट भेज दे तो आप इसे लेकर आश्चर्यचकित न हों।
इसका मतलब यह है कि आपको इस दस्तावेज में उस निवेश की जानकारी देनी है जो आप चालू वित्तीय वर्ष के दौरान करने जा रहे हैं। यह दस्तावेज काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें आपको अपने निवेश का वास्तविक सबूत देना होता है।
यदि आप इसे लेकर लापरवाही बरतते हैं तो आपको अपने वेतन में कटौती का सामना करना पड़ेगा। इसके कई नजरिये हैं। इनमें शामिल हैं :
परंपरागत नजरिया
परंपरागत नजरिया है भविष्य निधि (पीएफ) में 30,000 रुपये का निवेश, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (एनएससी) में 15,000 रुपये का निवेश करना। इसका मतलब हुआ कि आपने कुल 80,000 रुपये तक का निवेश किया है जो अधिकतम कर लाभ के लिए जरूरी निवेश एक लाख रुपये के लक्ष्य से कम है।
इस नजरिये को लेकर कर्मचरियों में निवेश को लेकर चिंता भी बनी रहती है। यदि आप अपने निवेश को सही तरीके से दिशा देने में विफल रहते हैं तो इसके परिणाम को लेकर चिंता पैदा होना लाजिमी है। कुछ लोग कर बचाने को लेकर इस ऊहापोह में रहते हैं कि कितनी राशि का निवेश किया जाए और कहां निवेश किया जाए।
यह ध्यान देना महत्त्वपूर्ण है कि परंपरागत नजरिया आपके कर भार में इजाफा भी कर सकता है। इसलिए किसी विकल्प को अपनाने से पहले आप अपनी कंपनी के फाइनैंस डिपार्टमेंट से सलाह अवश्य लें।
खुला नजरिया
यह नजरिया ज्यादा सामान्य है, क्योंकि कर्मचारी अपने निवेश घोषणापत्र में अपनी इच्छा से राशि का विकल्प तय कर सकता है। उदाहरण के लिए मेडिकल इंश्योरेंस पर 10,000 रुपये के प्रीमियम और धारा 80सी का लाभ उठाने के लिए एक लाख रुपये के कुल निवेश को अपनाया जा सकता है।
इस नजरिये में जोखिम भी है। बिना सोच-समझ कर किया गया निवेश बड़े नुकसान में तब्दील हो सकता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि एक लाख रुपया निवेश किया जाए जिसमें से 70 हजार रुपये पीपीएफ और अन्य 30 हजार रुपये अन्य स्कीमों में निवेश किए जाएं।
सही नजरिया
यह एक व्यवस्थित नजरिया है जिसमें सभी विकल्पों पर विचार किया जाता है और उसके बाद ही संबद्ध स्कीम को अपनाया जाता है। उदाहरण के लिए, 50,000 रुपये पीपीएफ के लिए, अन्य 40,000 रुपये ईएलएसएस और 10,000 रुपये एनएससी के लिए निर्धारित करना एक सही उदाहरण है।
लेखक मान्यताप्राप्त वित्तीय योजनाकार हैं