HDFC Life Q2 results: एचडीएफसी लाइफ ने मंगलवार को घोषित परिणाम के मुताबिक शुद्ध मुनाफे में 14.85 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। परिणाम की घोषणा के बाद एचडीएफसी लाइफ की एमडी और सीईओ विभा पडलकर ने सुब्रत पांडा और आतिरा वारियर से कंपनी के प्रदर्शन और आगे की राह को लेकर बात की। प्रमुख अंश…
हम ऐसे चरण में हैं, जहां शेयर बाजार बहुत ऊपर है। यूनिट लिंक्ड प्रोडक्ट्स में बहुत तेजी है। अगर एकल आधार पर दूसरी तिमाही को देखें तो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में हमारी वृद्धि दर 31 प्रतिशत रही है और उद्योग की वृद्धि दर 21 प्रतिशत है। सावधि सेग्मेंट भी बहुत बेहतरीन, सालाना आधार पर 27 प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे में क्रम के हिसाब से शीर्ष पंक्ति में नए व्यवसाय की वृद्धि बहुत मजबूत थी। नए कारोबार का मूल्य बहुत बेहतर था।
हमारी पॉलिसियों में करीब 95 प्रतिशत नए मानकों के मुताबिक हैं। शेष 5 प्रतिशत दिसंबर तक कर लिया जाएगा, या उन्हें हम वापस ले लेंगे। इस तरह से हम सही दिशा में हैं।
हमें नए सिरे से कीमत निर्धारण की जरूरत नहीं है, क्योंकि नए सरेंडर मूल्य मानकों का हम पर असर कम है।
प्रीमियम पर इसका कोई सीधा असर नहीं होगा।
हमने अपने 300 से ज्यादा साझेदारों के साथ बात की है। इन सभी से कई स्तर के संबंध हैं। ऐसे में यह सिर्फ साझेदार से बातचीत नहीं है, बल्कि अन्य बीमाकर्ताओं के साथ भी इन साझेदार की बातचीत होती है। हमने जिस तरह उनसे बात की है, उन्होंने अन्य बीमाकर्ताओं से भी बात की है। ऐसे में सब कुछ स्थिर होने में अभी 2 महीने और लगेंगे।
मार्जिन से ज्यादा हम कुछ और चीजों पर विचार कर रहे हैं। एक तो यह कि हमारे नए कारोबार की वृद्धि मजबूत होनी चाहिए। पहली तिमाही में हमारी वृद्धि 31 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 31 प्रतिशत रही है, जो एकसमान वृद्धि है। इसलिए हमें लगातार कुल मिलाकर बाजार की तुलना में तेज वृद्धि की कवायद करनी चाहिए।
हमारी सॉल्वेंसी घटकर 181 प्रतिशत रह गई, क्योंकि हम ज्यादा नया बिजनेस जोड़ रहे हैं। इसके लिए पूंजी की जरूरत है। दूसरा कारण यह है कि दूसरी तिमाही में लाभांश का भुगतान हुआ है।
हम अधिकाधिक नया कारोबार कर रहे हैं, जिसके लिए पूंजी की आवश्यकता है, तथा दूसरा कारण यह है कि दूसरी तिमाही में लाभांश का भुगतान हुआ। अब हमने पहले ही 1,000 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं और हमारी सॉल्वेंसी बढ़कर 193 प्रतिशत हो गई है।