इस साल की शुरुआत में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कमान संभालने वाले सिद्धार्थ मोहंती ने तकनीकी उन्नयन के लिए महत्त्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इससे एलआईसी की पॉलिसियों की बिक्री बढ़ने तथा ग्राहक अनुभव बेहतर होने की उम्मीद है। एलआईसी के चेयरमैन मोहंती ने मनोजित साहा के साथ बातचीत में उत्पाद और वितरण के लिहाज से रणनीतिक बदलावों के बारे में चर्चा की। मुख्य अंश :
चालू वित्त वर्ष में नए कारोबार से प्रीमियम कितना बढ़ने का अनुमान है?
जहां तक कारोबार की वृद्धि की बात है तो हमारा लक्ष्य उद्योग की वृद्धि के बराबर या इससे थोड़ी अधिक वृद्धि हासिल करने का है। कुछ तिमाही में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिख सकता है। वित्त वर्ष 2023 में हमारे नए कारोबार के प्रीमियम में 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, जो उद्योग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में शामिल था। इस साल भी हमें मजबूत वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है।
इस वृद्धि को बढ़ावा देने की मुख्य रणनीति क्या है?
सूचीबद्ध होने के बाद से हमने अपना नजरिया बदला है, खास तौर पर उत्पाद मिश्रण के लिहाज से। हमारे उत्पाद पोर्टफोलियो में भागीदारी (पार्टिसिपेटिंग) वाले उत्पाद ज्यादा हैं। हम नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसियों से प्रीमियम बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। पहली तिमाही में कुल सालाना प्रीमियम में गैर-पार्टिसिपेटिंग प्रीमियम की हिस्सेदारी 10.22 फीसदी रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.75 फीसदी थी। यह पहली बार हुआ है जब हमने गैर-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी के सालाना प्रीमियम में दो अंक की वृद्धि को पार किया है। इससे मार्जिन में भी फायदा हुआ है। हम बैंक इंश्योरेंस चैनलों के जरिये भी प्रीमियम बढ़ाने जोर दे रहे हैं। हमारा मुख्य ध्यान उत्पादों के मिश्रण और वितरण चैनल पर है क्योंकि ये दोनों कारोबार वृद्धि तथा मार्जिन सुधार में ज्यादा योगदान देंगे।
पहली तिमाही में नए कारोबार के प्रीमियम में गिरावट के क्या कारण रहे?
ऐसा दो-तीन वजहों से हुआ है। पहला कारण कराधान का असर है, खास तौर पर उच्च मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों पर कर लगना। कुछ लोग पहले ही पॉलिसी लेने का फैसला कर चुके थे, जिसकी वजह से पहली तिमाही में होने वाला कारोबार पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में ही हो गया। व्यक्तिगत बीमा कारोबार में कमी की यही वजह रही। जहां तक समूह बीमा सेगमेंट की बात है तो कुछ बड़ी प्राप्तियां टाल दी गईं क्योंकि नियोक्ता ब्याज दर में संभावित घट-बढ़ के आधार पर निर्णय करते हैं। इसी तरह कुछ निर्णय टाल दिए गए जिससे भुगतान में देरी हुई। आने वाले महीनों में भुगतान बढ़ेगा और उस दौरान अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। हम त्योहारी मौसम के दौरान मजबूत वृद्धि की संभावना देख रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नए कारोबार का वैल्यू मार्जिन सपाट रहा। चालू वित्त वर्ष में मार्जिन को लेकर आपकी क्या उम्मीद है?
पहली तिमाही के दौरान उद्योग में मार्जिन पर थोड़ा दबाव दिखा है। हालांकि हमारे लिए नतीजे बेहतर रहे हैं – नए कारोबार मूल्य का मार्जिन पिछले साल की समान अवधि के 13.6 फीसदी से बढ़कर 13.7 फीसदी हो गया। पूरे वित्त वर्ष 2023 में यह 16.2 फीसदी रहा है। चालू वर्ष में भी हम उच्च वृद्धि हासिल करेंगे, जिससे मार्जिन में सुधार भी दिखेगा। हमें उम्मीद है कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में मार्जिन में सुधार होगा।
तकनीक के मोर्चे पर अपनी योजना के बारे में कुछ बता सकते हैं?
हमने तकनीक के मोर्चे पर उल्लेखनीय पहल की है। डिजिटल बदलाव की परियोजना पर काम चल रहा है जिसका लक्ष्य सभी प्रक्रिया को डिजिटल तरीके से करना है। ग्राहकों को डिजिटल तरीके से साथ जोड़ने की परियोजना दिसंबर से जनवरी में शुरू की जाएगी। अभी 52 फीसदी प्रीमियम डिजिटल माध्यमों से आ रहा है। ग्राहकों को साथ लाने का काम एजेंटों, बैंकइंश्योरेंस और डिजिटल माध्यम से किया जाएगा। इससे वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और मुनाफे में भी इजाफा होगा।
हाल ही में एलआईसी की जीवन किरण पॉलिसी लाई है। इसे कैसी प्रतिक्रिया मिली?
जीवन किरण बेहतरीन पॉलिसी है, जो जीवन जोखिम कवरेज देता है और पॉलिसी की परिपक्वता पर कुल प्रीमियम वापस मिल जाता है। सही मायने में यह बिना किसी खर्च के जोखिम कवर करने की सुविधा देती है क्योंकि पूरी राशि वापस मिल जाती है। इस पॉलिसी को अभी तक अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने भाषण में एलआईसी पर भरोसा जताया है। आप इसे कैसे देखते हैं?
मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। एलआईसी पर उनका भरोसा सभी हितधारकों को टिकाऊ, बेहतर मूल्य प्रदान करने के हमारे संकल्प को और दृढ़ करता है।
इस समर्थन से एलआईसी के कर्मचारियों और हमारे 13 लाख एजेंटों के व्यापक नेटवर्क का मनोबल बढ़ेगा। हम अपने सभी हितधारकों से किए वादे का पूरा सम्मान करेंगे।
चालू वित्त वर्ष में निवेश पर एलआईसी की रणनीति क्या है?
इक्विटी और डेट दोनों में निवेश बढ़ेगा। हमारा मकसद सभी हितधारकों के लिए मूल्य में इजाफा करना है। पहली तिमाही में इक्विटी पोर्टफोलियो के रिटर्न से अच्छा मुनाफा हुआ है। कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10 लाख करोड़ रुपये का है।
पहली तिमाही के अंत तक कुल निवेश 46 लाख करोड़ रुपये का था, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार की ऋण प्रतिभूतियों सहित डेट (ऋण) की हिस्सेदारी ज्यादा है।