भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) बैंकिंग उद्योग की तरह बीमा क्षेत्र में भी जोखिम पर आधारित निरीक्षण मॉडल को लागू करने पर विचार कर सकता है। एचडीएफसी लाइफ के अध्यक्ष केकी मिस्त्री ने कंपनी की 24वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान कहा कि इससे बीमा उद्योग में परिचालन, बाजार और प्रशासनिक जोखिमों के प्रबंधन के लिए सिद्धांत स्थापित होगा।
मिस्त्री ने हाल के वर्षों में बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने वाले बीमा नियामक के कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रबंधन व्यय के नियमन के माध्यम से वाणिज्यिक और परिचालन संबंधी लचीलापन प्रदान करने, उप ऋण की सीमा बढ़ाने और बीमा त्रयी- बीमा विस्तार, बीमा वाहक और बीमा सुगम पेश करने से बीमा क्षेत्र को बल मिला है।
इसके अलावा मिस्त्री ने बीमा नियामक के अन्य कदमों का भी उल्लेख किया, जिनमें राज्य स्तर की बीमा समितियां स्थापित करने की पहल, पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर करने की स्थिति में भुगतान बढ़ाने, बीमा कंपनियों द्वारा नई शाखाओं के परिचालन व प्रशासन को लेकर नियमों में ढील देने जैसी पहल शामिल हैं।
मिस्त्री ने कहा, ‘इन नियमों से कारोबार सुगमता बढ़ने के साथ दीर्घावधि पॉलिसियां तैयार करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही इससे निरंतरता में सुधार होगा जिससे ग्राहकों के लिए मूल्य का सृजन होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि देश में बीमा की पहुंच कम है और छोटे और मझोले शहरों तक बीमा का विस्तार करने से वृद्धि को गति मिलेगी।
IRDAI की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक देश में जीवन बीमा की पहुंच वित्त वर्ष 2023 में महज 3 फीसदी थी, जबकि गैर जीवन बीमा की पहुंच 1 फीसदी थी। इस तरह भारत में कुल मिलाकर बीमा की पहुंच वित्त वर्ष 2023 में घटकर 4 फीसदी रह गई, जो वित्त वर्ष 2022 में 4.2 फीसदी थी।
मिस्त्री ने भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने पिछले 4 साल में अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की दिशा में शानदार काम किया है। इसकी वजह से भारत, विश्व में तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।’