facebookmetapixel
त्योहारी सीजन में EV की टक्कर! ₹16 लाख की VinFast ने ₹60 लाख वाली Tesla को छोड़ा पीछेEarthquake Today: अंडमान में धरती डोली! 5.4 तीव्रता के झटकों से दहशतFPIs ने फिर खोला बिकवाली का सिलसिला, नवंबर में निकाले ₹12,569 करोड़Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे महंगाई डेटा और तिमाही नतीजेMCap: टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप में भारी गिरावट, Airtel-TCS सबसे ज्यादा प्रभावितथाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाही

Infrastructure Bonds: SBI ने 15 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाए

कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे कई अन्य सरकारी बैंक भी इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाने की योजना बना रहे हैं।

Last Updated- July 10, 2024 | 7:10 PM IST
SBI

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि बैंक ने 15 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के माध्यम से 7.36 प्रतिशत के कूपन पर 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह जारी करना एसबीआई की छठीं इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड ऑफरिंग है। इस ताजा इश्यू के साथ, बैंक द्वारा जारी किए गए कुल बकाया लॉन्ग टर्म बॉन्ड अब 59,718 करोड़ रुपये के हो गए हैं।

निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी

इस बॉन्ड जारी करने को लेकर काफी दिलचस्पी देखी गई। बैंक के मुताबिक, लोगों ने कुल मिलाकर 18,145 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के लिए बोलियां लगाईं। 5,000 करोड़ रुपये के शुरुआती लक्ष्य के मुकाबले यह करीब 3.6 गुना ज्यादा है। बैंक ने यह भी बताया कि उन्हें कई तरह के निवेशकों से लगभग 120 बोलियां मिलीं, जिनमें भविष्य निधि, पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, म्यूचुअल फंड और कंपनियां शामिल थीं।

SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, “… इस निर्गम से लंबी अवधि के बॉन्ड बाजार को मजबूती मिलेगी और दूसरे बैंकों को भी लंबी अवधि के बॉन्ड जारी करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।”

क्या हैं इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के लाभ?

इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए जुटाया गया पैसा बैंकों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इस पर स्टेटुटरी लिक्विडिटी रेश्यो (SLR) और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) जैसे रेगुलेटरी रिजर्व जरूरतों को पूरा करने की छूट मिलती है। जमा के जरिए जुटाए गए पैसों के उलट, जहां बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पास सीआरआर के तौर पर राशि का 4.5% रखना होता है और एसएलआर की मांग को पूरा करने के लिए लगभग 18% राशि को सिक्योरिटीज में लगाना होता है, वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से जुटाए गए पैसों को पूरी तरह से लोन देने की गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे कई अन्य सरकारी बैंक भी इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाने की योजना बना रहे हैं।

इसी दौरान, एक अन्य सरकारी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), अमेरिकी डॉलर जारी कर के पैसा जुटाने की योजना बना रहा है। BoB ने अपनी $4 बिलियन की मीडियम-टर्म नोट्स (MTN) प्रोग्राम के तहत $500 मिलियन मूल्य के स्टैंडअलोन REG S बॉन्ड जारी करने का फैसला किया है। बैंक ने इन अंतरराष्ट्रीय USD बॉन्ड जारी करने के लिए संयुक्त लीड मैनेजरों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

SBI का अंतर्राष्ट्रीय बॉन्ड इश्यू

गौरतलब है कि जनवरी में, SBI ने अपने $10 बिलियन के मीडियम-टर्म नोट प्रोग्राम के तहत दुनिया भर के निवेशकों से पांच साल की अवधि वाला बॉन्ड जारी करके $600 मिलियन जुटाए थे। इसके बाद, श्रीराम फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और Sammaan कैपिटल (पूर्व में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस) सहित कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) ने भी USD बॉन्ड के माध्यम से पैसा जुटाया था।

First Published - July 10, 2024 | 7:10 PM IST

संबंधित पोस्ट