प्रमुख और गैर प्रमुख कामकाज से कम आमदनी व खुदरा ऋण के लिए उच्च प्रावधानों के कारण वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इंडसइंड बैंक का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 72 प्रतिशत घटकर 604 करोड़ रुपये रह गया है।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, क्योंकि उसने प्रावधानों में काफी वृद्धि की थी और तिमाही के दौरान पाई गई डेरिवेटिव्स और माइक्रोफाइनेंस खंडों में लेखांकन विसंगतियों से जुड़ी गलत तरीके से दर्ज राजस्व और आय प्रविष्टियों को उलट दिया था।
बैंक की ब्याज से शुद्ध आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 14 प्रतिशत घटकर अप्रैल जून तिमाही के दौरान 4,640 करोड़ रुपये रह गई है। ऐसा ऋण का बही खाता छोटा होने के कारण हुआ। क्रमिक आधार पर एनआईआई 52 प्रतिशत अधिक है। अन्य आमदनी सालाना आधार पर 12 प्रतिशत घटकर 2,157 करोड़ रुपये रह गई है। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) सालाना आधार पर 79 आधार अंक कम होकर 3.46 प्रतिशत हो गया है, लेकिन क्रमिक आधार पर 121 आधार अंक बढ़ा है।
इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, ‘इस तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) में हमारे 2 प्रमुख उद्देश्य थे। पहला, संस्थान पर भरोसा बहाल करना और दूसरा बैंक के सभी प्रमुख कारोबार को जारी रखना। इन मकसदों को लेकर बोर्ड प्रतिबद्ध बना रहा।’ उन्होंने आगे कहा कि बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे पिछली तिमाही की अनियमितताओं आगे बढ़ाए बगैर ही पेश कर दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘पुरानी समस्या का वित्तीय प्रभाव अब पीछे छूट गया है।’
उन्होंने कहा, ‘पहली तिमाही के दौरान बोर्ड और प्रबंधन ने पिछली तिमाही में पहचानी गई खामियों, राजकोष और सूक्ष्म वित्त संबंधी मुद्दों से संबंधित चिंताओं को हल करने में काफी समय लगाया और प्रयास किया है।’
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में बैंक का प्रावधान और आकस्मिक व्यय सालाना आधार पर 68 प्रतिशत बढ़कर 1,760 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन क्रमिक आधार पर इसमें 30 प्रतिशत की गिरावट आई। इस तिमाही में बैंक ने 2,567 करोड़ रुपये की नई चूक दर्ज की, जिनमें से 2,322 करोड़ रुपये उपभोक्ता पोर्टफोलियो से और शेष कॉर्पोरेट पोर्टफोलियो से था। पिछली तिमाही में बैंक की नई चूक 5,014 करोड़ रुपये थी। इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा कि बैंक में नेतृत्व परिवर्तन अच्छी तरह से चल रहा है और बैंक का बोर्ड सीईओ की सिफारिशों पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
पहली तिमाही के परिणाम की घोषणा के मौके पर उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रबंधन की भूमिका के लिए बैंक आंतरिक और बाहरी दोनों प्रतिभाओं को सक्रियता से चिह्नित कर रहा है। उन्होंने कहा ‘बैंक के नेतृत्व में बदलाव अब पूरी तरह पटरी पर है। सीईओ की नियुक्ति की दिशा में बैंक ने उल्लेखनीय प्रगति की है। नियत समय सीमा में सिफारिशें पेश कर दी गई हैं और इस समय नियामकीय मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है।’ उन्होंने कहा, ‘बैंक वरिष्ठ प्रबंधन के पदों के लिए आंतरिक व बाहरी दोनों स्तर पर शीर्ष गुणवत्ता की प्रतिभाओं की तलाश कर रहा है।’