केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग द्वारा फर्जी कटौती और छूट पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के बाद पिछले 4 महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने आयकर रिटर्न में संशोधन किया है और 1,045 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले दावों को वापस लिया है।
विभाग ने कहा कि करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किए गए कई प्रयासों के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें एसएमएस अलर्ट, ईमेल और विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए कार्यक्रम शामिल हैं। कर विभाग के विश्लेषण से पता चलता है कि धारा 10 (13ए), 80 जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी का खूब दुरुपयोग हुआ है। बिना किसी ठोस कारण के छूट का दावा किया गया। ऐसा करने वालों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है, ‘करदाताओं को अक्सर कमीशन के बदले में अधिक रिफंड का वादा करके इन धोखाधड़ी योजनाओं में फंसाया जाता है।’ इसमें कहा गया है कि भारत की पूर्णतः ई-सक्षम कर प्रशासन प्रणाली के बावजूद ‘गैर प्रभावी कम्युनिकेशन करदाताओं की सहायता करने में महत्त्वपूर्ण बाधा बना हुआ है।’
सीबीडीटी ने कहा है, ‘इस तरह के संदिग्ध पैटर्न को चिह्नित करने के लिए विभाग ने थर्ड पार्टी स्रोतों, जमीनी स्तर के इंटेलिजेंस व एडवांस आर्टीफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया है।’