facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

आयकर विभाग की कार्रवाई का असर, 40 हजार करदाताओं ने फर्जी दावे वापस लिए

कर विभाग के विश्लेषण से पता चलता है कि धारा 10 (13ए), 80 जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी का खूब दुरुपयोग हुआ है।

Last Updated- July 14, 2025 | 10:53 PM IST
Income Tax

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग द्वारा फर्जी कटौती और छूट पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के बाद पिछले 4 महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने आयकर रिटर्न में संशोधन किया है और 1,045 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले दावों को वापस लिया है।

विभाग ने कहा कि करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किए गए कई प्रयासों के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें एसएमएस अलर्ट, ईमेल और विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए कार्यक्रम शामिल हैं। कर विभाग के विश्लेषण से पता चलता है कि धारा 10 (13ए), 80 जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी का खूब दुरुपयोग हुआ है। बिना किसी ठोस कारण के छूट का दावा किया गया। ऐसा करने वालों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

विभाग ने  प्रेस विज्ञप्ति में कहा है,  ‘करदाताओं को अक्सर कमीशन के बदले में अधिक रिफंड का वादा करके इन धोखाधड़ी योजनाओं में फंसाया जाता है।’ इसमें कहा गया है कि भारत की पूर्णतः ई-सक्षम कर प्रशासन प्रणाली के बावजूद ‘गैर प्रभावी कम्युनिकेशन करदाताओं की सहायता करने में महत्त्वपूर्ण बाधा बना हुआ है।’

सीबीडीटी ने कहा है, ‘इस तरह के संदिग्ध पैटर्न को चिह्नित करने के लिए विभाग ने थर्ड पार्टी स्रोतों, जमीनी स्तर के इंटेलिजेंस व एडवांस आर्टीफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया है।’

First Published - July 14, 2025 | 10:28 PM IST

संबंधित पोस्ट