वित्तीय क्षेत्र के स्टार्टअप हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (HDFC) में 80 के दशक में शामिल होने वाले केकी एम मिस्त्री (Keki M Mistry) ने चार दशक से ज्यादा समय तक जिम्मेदारी संभालने के बाद जून के आखिर में इसके वाइस-चेयरमैन (VC) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) के तौर पर अपनी पारी को विराम दे दिया।
मुंबई में जन्में (1954) मिस्त्री ने मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में स्नातक किया। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के फेलो सदस्य बनने के लिए भी अध्ययन किया।
उन्होंने अकाउंटिंग फर्म ए एफ फर्ग्यूसन ऐंड कंपनी के साथ 1975 में अपना करियर शुरू किया और बाद में हिंदुस्तान यूनिलीवर तथा टाटा समूह की हॉस्पिटैलिटी इकाई इंडियन होटल्स कंपनी में भी कुछ समय जिम्मेदारी संभाली थी।
वर्ष 1981 में, वह HDFC में शामिल हो गए, जहां उन्होंने चार दशक से ज्यादा समय बिताया। वह 1993 में कार्यकारी निदेशक के तौर पर इस मॉर्गेज ऋणदाता के निदेशक मंडल में शामिल हुए और बाद में वर्ष 2000 में प्रबंध निदेशक बनाए गए। अक्टूबर 2007 में वह VC और MD तथा जनवरी 2010 में VC और CEO बने।
प्रबंधन संबंधित जिम्मेदारियों में अपनी हैसियत बढ़ने के बाद उन्होंने कंपनी के मामलों को सहजता से संभालने में दक्षता हासिल की। मिस्त्री का कहना है, ‘बदलते मौजूदा समय में, मेरी नजर में एक लीडर को समस्या के समाधानकर्ता के बजाय उसका पूर्वानुमान लगाने वाला होना चाहिए।’
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उन्होंने HDFC बैंक, HDFC म्युचुअल फंड, और बीमा कंपनियों समेत कई कंपनियों के निर्माण की राह आसान बनाकर HDFC को भारत के प्रख्यात वित्तीय सेवा घरानों में शुमार कराने में अहम योगदान दिया।
HDFC का कायाकल्प करने वाले मिस्त्री भारतीय वित्तीय क्षेत्र के बदलाव और विकास से जुड़े रहे हैं।
वे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा गठित प्राइमरी मार्केट एडवाजयरी कमेटी के सदस्य हैं और वर्ष 2017 में बाजार नियामक द्वारा गठित कॉरपोरेट प्रशासनिक समिति के भी सदस्य रहे।
बाद में उनके अंदर बुजुर्गों के लिए जिंदगी की बेहतर गुणवत्ता एवं देखभाल की सोच भी विकसित हुई है।